लखनऊः बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने मऊ सदर के विधायक और जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी का टिकट तो काट दिया है, लेकिन अभी मुख्तार खेमे के ज्यादातर नेता अभी भी बसपा में ही हैं। वहीं मुख्तार अंसारी के भाई सांसद अफजाल अंसारी भी अभी बसपा के साथ हैं। बीते दिनों लखनऊ में समाजवादी पार्टी के प्रदेश कार्यालय में मुख्तार अंसारी के बड़े भाई सिबगतुल्लाह अंसारी के अखिलेश यादव से मिलने और इसके बाद सपा का दामन थाम लेने की खबरें सामने आयीं। इसके बाद माना जा रहा था कि मुख्तार अंसारी और उनके परिवार के अन्य चेहरे सहित समर्थकों का साइकिल पर सवारी करना तय है।
सिबगतुल्लाह के सपा में जाने की सूचना से मऊ, गाजीपुर, बलिया, वाराणसी जैसे जनपदों में चर्चाएं जोरों पर रही कि कभी भी परिवार के अन्य सदस्यों का सपा कार्यालय पर दिखना हो जाएगा। किंतु मुख्तार अंसारी के समर्थकों की मानें तो अभी तक मुख्तार के ज्यादातर समर्थक बसपा में है। गाजीपुर से सांसद अफजाल अंसारी जो मुख्तार के भाई हैं, वो भी अभी बसपा के ही रंग में रंगे हुए हैं। मुख्तार अंसारी का बसपा से टिकट कटते ही इसका फायदा उठाने वाली पार्टियों के नाम भी सामने आये।
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छोटे दलों को ये उम्मीद है कि मऊ सदर सीट पर मुख्तार अंसारी के अलावा दूसरा कोई प्रत्याशी जीत नहीं सकता है। इसके लिए सबसे पहले ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिममीन (एआईएमआईएम) ने मुख्तार को चुनाव लड़ने का ऑफर दिया। फिर एआईएमआईएम ने मऊ से अपना प्रत्याशी उतारने से मना कर दिया। अभी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने भी मुख्तार अंसारी की तारीफ की है। मुख्तार को चुनाव लड़ाने के लिए इसी तरह और भी कई छोटे दल तैयार हैं।
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