गाजीपुरः गाजीपुर के मुहम्मदाबाद थाने में दर्ज हत्या के प्रयास और आपराधिक साजिश के मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट से बांदा जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी को बड़ी राहत मिली है। बुधवार को न्यायालय ने निर्णय सुनाते हुए मुख़्तार अंसारी को इस मामले में बरी कर दिया। इस प्रकरण में मुख्य आरोपी सोनू यादव पहले ही बरी हो चुका है। उल्लेखनीय है कि इससे पहले भी मुख़्तार अंसारी को दो अन्य मामलों में सजा सुनाई जा चुकी है। एक अन्य मामले में कोर्ट 20 मई को अपना निर्णय सुनाएगी।
विदित हो कि साल 2009 में मीर हसन ने मुहम्मदाबाद थाने में सोनू यादव के खिलाफ हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज कराया था। विवेचना के दौरान पुलिस ने मुख्तार अंसारी पर धारा 120बी का केस दर्ज किया था। हालांकि इस मामले में मुख्य आरोपी सोनू यादव न्यायालय पहले ही बरी हो चुकी थी। अब मुख्तार अंसारी को भी एमपी-एमएलए कोर्ट ने दोषमुक्त कर दिया है।
वर्तमान में मुख्तार अंसारी बांदा जेल में बंद है। गाजीपुर के एमपी-एमएलए कोर्ट में माफिया मुख्तार अंसारी की पेशी वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए कराई गई। फैसला सुनने के बाद मुख्तार अंसारी को बड़ी राहत मिली। हालांकि करंडा थाना क्षेत्र अन्तर्गत सुआपुर के रहने वाले कपिल देव सिंह की साल 2009 में हत्या हुई थी। इस मामले में 2010 में गैंग चार्ट बनाया गया था। इस मामले में कोर्ट 20 मई का अपना फैसला सुनाएगी।
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इसी कोर्ट से दो मामलों में माफिया मुख्तार को हो चुकी है सजा
एमपी-एमएलए कोर्ट दुर्गेश की अदालत ने इससे पूर्व गैंगस्टर के दो मामले में माफिया मुख्तार अंसारी को दस-दस साल की सजा सुनाई है। गैंगस्टर में पहली सजा वाराणसी के अवधेशराय हत्याकांड और दूसरी सजा यहीं के कोयला व्यवसायी व हिंदूवादी नेता नंदकिशोर रुंगटा अपहरण व हत्याकांड के मामले में कोर्ट ने दस साल की सजा सुनाई थी।
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