MP liquor ban: मध्य प्रदेश सरकार धार्मिक नगरों को लेकर बड़ा फैसला लेने जा रही है। एमपी की मोहन यादव सरकार उज्जैन समेत प्रदेश के 17 धार्मिक नगरों में शराब पर प्रतिबंध लगाने की तैयारी कर रही है। खुद मुख्यमंत्री मोहन यादव (CM Mohan Yadav) ने इसके संकेत दिए हैं। मुख्यमंत्री इन दिनों अपने फैसलों के कारण काफी चर्चा में हैं।
MP liquor ban: धार्मिक नगरों में शराबबंदी की तैयारी
दरअसल, राज्य सरकार का बजट जल्द ही आने वाला है और इस बजट में सरकार शराब नीति में बड़ा बदलाव कर सकती है। प्रदेश के सीएम मोहन यादव ने कहा है कि बजट सत्र नजदीक है, इसलिए हमारी सरकार धार्मिक नगरों के लिए अपनी आबकारी नीति में संशोधन करने और धार्मिक नगरों में शराबबंदी की दिशा में आगे बढ़ने पर विचार कर रही है।
प्रदेश के कई संतों और अन्य लोगों ने सुझाव दिया है कि धार्मिक नगरों में शराब पर प्रतिबंध (MP liquor ban) लगाया जाना चाहिए, जिस पर सरकार गंभीरता से विचार कर रही है। हम हर हाल में अपने धार्मिक नगरों की सीमा में स्थित शराब की दुकानों को बंद करने का प्रयास कर रहे हैं, ताकि धार्मिक माहौल को लेकर आने वाली शिकायतों को खत्म किया जा सके। इस दिशा में ठोस कदम उठाते हुए हम जल्द ही इस संबंध में निर्णय लेंगे।
धार्मिक स्थलों के आसपास पहले से ही मांस-मदिरा प्रतिबंध
उल्लेखनीय है कि सीएम मोहन यादव ने नर्मदा नदी के किनारे बसे शहरों और धार्मिक स्थलों के आसपास मांस-मदिरा के सेवन पर प्रतिबंध लगाने के निर्देश दिए थे। उन्होंने यह भी कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिए अनूपपुर जिले के अमरकंटक को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जानी चाहिए। यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि नर्मदा नदी के किनारे बसे धार्मिक शहरों और स्थलों में मांस-मदिरा का सेवन न हो।
ये भी पढ़ेंः- CM नीतीश ने समस्तीपुर दी को बड़ी सौगात, 500 करोड़ की योजनाओं की रखी आधारशिला
बता दें कि प्रदेश में नर्मदा नदी के किनारे 21 जिले, 68 तहसील, 1,138 गांव और 1,126 घाट हैं। यहां 430 प्राचीन शिव मंदिर और दो शक्तिपीठ भी हैं। उन्होंने राज्य प्रशासन को यह सुनिश्चित करने का आदेश दिया कि नदी के पवित्र स्थलों के आसपास मांस-मदिरा की बिक्री न हो।
अपने फैसलों को लेकर चर्चा में सीएम मोहान
मुख्यमंत्री अब प्रदेश के सभी धार्मिक शहरों में शराब की बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने के संकेत दिए हैं। इसके लिए राज्य सरकार आबकारी नीति में भी संशोधन करेगी। मुख्यमंत्री मोहन यादव इन दिनों अपने फैसलों के कारण काफी चर्चा में हैं। उन्होंने कई ग्राम पंचायतों के नाम बदल दिए हैं।