MP Election 2023 मध्य प्रदेश में हो रहे विधानसभा चुनाव में दोनों प्रमुख राजनीतिक दल भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के लिए बागी मुसीबत बन गए हैं। इन बागियों का चुनाव नतीजों पर असर पड़ने का डर दोनों पार्टियों को सता रहा है। दोनों राजनीतिक दलों ने अब इन बागियों को बाहर का रास्ता दिखाना शुरू कर दिया है।
कई सीटों के लिए मुसीबत बन सकते हैं बागी
राज्य की 230 विधानसभा सीटों के लिए 17 नवंबर को मतदान होना है और चुनाव प्रचार जोरों पर है। नामांकन वापस लेने की तारीख बीत चुकी है और इसके बाद भी बड़ी संख्या में बागी अभी भी मैदान में हैं। कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही ऐसे राजनीतिक दल हैं जिनके लिए करीब 50 सीटों पर बागी या बागी परेशानी खड़ी कर रहे हैं। दोनों राजनीतिक दल पहले तो उन्हें मनाने की कोशिश कर रहे थे और जब वे नहीं माने तो पार्टी ने निष्कासन भी कर रहे हैं।
बीजेपी ने 35 नेताओं को किया बाहर
दोनों राजनीतिक दलों द्वारा अपने बागियों और भीतरघातियों के खिलाफ की गई कार्रवाई पर नजर डालें तो एक बात साफ हो जाती है कि दोनों ही राजनीतिक दल चिंतित हैं और ये बागी उनकी जीत की राह में रोड़ा बन सकते हैं। कांग्रेस ने 39 नेताओं को छह साल के लिए पार्टी से निकाल दिया है, इसी तरह बीजेपी ने भी 35 नेताओं को बाहर कर दिया है। सभी को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से छह साल के लिए निष्कासित कर दिया गया है।
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निर्दलीय लड़ेंगे कई उम्मीदवार
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि राज्य विधानसभा चुनाव कड़ा होने वाला है और कई नेताओं को लगता है कि इस बार का चुनाव उनकी राजनीतिक स्थिति बदल सकता है। यही कारण था कि पहले तो उन्होंने अपनी-अपनी पार्टियों से उम्मीदवार बनने की कोशिश की और जब सफल नहीं हुए तो सपा, बसपा और आम आदमी पार्टी से टिकट ले लिया। इतना ही नहीं कई नेता तो ऐसे भी हैं जिन्होंने दूसरी पार्टियों में शामिल होने के बजाय निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ने का फैसला किया है।
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