कूनो नेशनल पार्क में मादा शावक की मौत, 2 महीने में अब तक इतने चीतों ने तोड़ा दम

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भोपालः कूनो नेशनल पार्क से एक और दुखद खबर सामने आई है, जहां मादा चीता के 4 शावकों में से एक ज्वाला की मौत हो गई है। हालांकि अभी तक मौत के कारणों का खुलासा नहीं हुआ है। वहीं शावक की इस मौत पर कूनो नेशनल पार्क के वन अधिकारी ने बताया कि ज्वाला नाम की मादा चीता के शावक की मौत हो गई है। फिलहाल वन विभाग की टीम शवक की मौत के कारणों का पता लगाने में जुटी है।

कूनो राष्ट्रीय उद्यान में चीतों को बसाने और उनके परिवार को बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री ने इस परियोजना को इस राष्ट्रीय उद्यान में लाया था, लेकिन कूनो राष्ट्रीय उद्यान में चीतों का परिवार बढ़ने के बजाय कम हो रहा है और ऐसे में चीतों को स्थानांतरित किया जाना चाहिए यहां से राजस्थान। तैयारियों या सुझावों पर चर्चा हो रही है।

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कूनो पार्ट में लगातार हो रही चीतों की मौत

कूनो नेशनल पार्क में चीतों की मौत का सिलसिला लगातार जारी है। पहले मार्च में मादा चीता सासा की मौत हुई फिर अप्रैल में उदय नाम के चीते की दम तोड़ा और फिर मादा चीता दक्ष की मौत । अब आज मादा चीता के शावक ज्वाला की मौत हो गई है। लगातार हो रही इन मौतों से साफ जाहिर हो रहा है कि कूनो नेशनल पार्क में निगरानी करने वाली टीम और साथ के विशेषज्ञ सिर्फ खानापूर्ति में लगे हुए हैं।

कूनो में अब रह गए 20 चीते

दो से तीन महीने के अंदर मादा चीता साशा, फिर नर चीता उदय और फिर मादा चीता दक्ष की मौत हुई है। तीन चीतों और एक शावक की मौत के बाद अब कूनो में 17 नर मादा और 3 शावक बचे हैं। 24 में से अब 20 चीते बचे हैं। जबकि दो महीनें में चार चीते दम तोड़ चुके हैं।

प्रशासन पर उठ रहे सवाल

वहीं कूनो प्रशासन के अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। कूनो नेशनल पार्क में पिछले दो माह में तीन चीतों की मौत हो चुकी है, जबकि एक शावक की भी मौत हो चुकी है। कूनो में लगातार चीतों की संख्या घटने से अब एक बार फिर चीता प्रोजेक्ट की सफलता पर सवाल उठ रहे हैं।

बता दें कि पहले नामीबिया फिर दक्षिण अफ्रीका से अलग-अलग खेपों में इन्हें कूनो नेशनल पार्क लाया गया। इसके साथ ही सभी चीतों को क्वारंटाइन किया गया था, जिसके लिए अलग-अलग छोटे-छोटे बाड़े बनाए गए थे, जिनमें सभी को शिफ्ट कर अलग-अलग अवधि में बड़े बाड़े में छोड़ा गया था।

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