भोपालः मध्य प्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव के नतीजों की BJP समीक्षा कर रही है और ऐसे पदाधिकारियों पर कार्रवाई का भी सिलसिला शुरू हो गया है, जहां भाजपा को हार का सामना करना पड़ा है या फिर अन्य शिकायतें आई हैं। इसी क्रम में पांच जिलाध्यक्षों को बदल दिया गया है और आने वाले दिनों में कई और पदाधिकारियों पर भी गाज गिर सकती है। राज्य में अभी हाल ही में नगरीय निकाय और पंचायतों के चुनाव हुए हैं। इन चुनावों में भाजपा को कुछ स्थानों पर उम्मीद के विपरीत हार का सामना करना पड़ा है। पार्टी संगठन समीक्षा कर रही है कि आखिर इन इलाकों में पार्टी को हार का सामना क्यों करना पड़ा है।
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पार्टी की ओर से की गई समीक्षा मे जो बातें सामने आई है उसी के आधार पर पांच जिला अध्यक्ष — भिंड के नाथू सिंह गुर्जर, ग्वालियर नगर के कमल मखीजानी, गुना के गजेंद्र सिंह सिकरवार, अशोकनगर के उमेश रघुवंशी और कटनी के राम रतन पायल को उनके पदों से हटा दिया गया है। इन सभी को प्रदेश कार्यसमिति का सदस्य बनाया गया है। यहां बताना लाजिमी होगा कि भाजपा को ग्वालियर और कटनी में महापौर पद पर हार का सामना करना पड़ा था, इसी तरह संगठन की कमान संभालने वाले नेताओं के संबंध में भी शिकायतें आई थी। उसी के आधार पर प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा ने यह बदलाव किए हैं।
BJP ने अब भिंड का जिला अध्यक्ष देवेंद्र नरवरिया, ग्वालियर नगर का अभय चौधरी, गुना का धर्मेंद्र सिकरवार, अशोकनगर का आलोक तिवारी और कटनी का दीपक सोनी को जिलाध्यक्ष बनाया है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि जिला अध्यक्षों से लेकर अन्य पदाधिकारियों की भी कार्यशैली की समीक्षा की जा रही है और कई पदाधिकारियों की कार्यशैली से संगठन संतुष्ट नहीं है, लिहाजा आने वाले दिनों में और भी कई बड़े बदलाव संभावित हैं।
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