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भोपालः मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के बालगृह बालिका में 11 लड़कियों के बेहोश मिलने से हड़कंप मच गया। सूचना पर पहुंचे पुलिस एवं बालगृह कर्मचारियों ने सभी को जयप्रकाश अस्पताल में भर्ती कराया। जहां सभी का इलाज चल रहा है। इनमें से एक की हालत गंभीर बनी हुई है। उधर, मामले की जानकारी मिलते ही मध्य प्रदेश बाल संरक्षण आयोग (एससीपीसीआर) की सदस्य डॉ। निवेदिता शर्मा मौके पर पहुंचीं और बच्चियों से बातचीत कर उनका हालचाल जाना।
जांच में जुटे अधिकारी
साथ ही संबंधित विभागीय अधिकारियों और जिम्मेदारों से संपर्क कर उन्हें त्वरित कार्रवाई और जांच के आवश्यक निर्देश दिए और डॉक्टरों से बच्चियों की स्थिति के बारे में भी जानकारी ली। डॉक्टरों की माने तो इन लड़कियों ने जहरीला पदार्थ पी (girls drank poisonous) लिया जिससे सभी की हालत बिगड़ गई। अधिकारियों ने कहा कि अब यह पता लगाने की कोशिश की जाएगी कि तमाम सुरक्षा के बावजूद बाल गृह की बच्चियों तक यह जहरीला पदार्थ कैसे पहुंचा और इस बड़ी घटना के लिए कौन जिम्मेदार है। वहीं, बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) सदस्य मीना शर्मा भी मौके पर पहुंचीं और उन्होंने भी इस संबंध में आवश्यक कार्रवाई शुरू कर दी और दोनों रात दो बजे तक बच्चियों को प्रेरित करती रहीं।
वहीं, अस्पताल में इलाजरत एक लड़की ने गोपनीय तरीके से बताया कि वहां एक लड़की ने सभी को पीने के लिए पानी दिया, जिसे पीने के बाद हम सभी की हालत बिगड़ने लगी। हालांकि, इतनी कड़ी सुरक्षा में जहरीला पदार्थ कहां से आया, इस सवाल के जवाब में भोपाल के बाल गृह की अध्यक्ष योगिता मुकातिब ने मीडिया से कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। बताया जा रहा है कि सबसे ज्यादा लड़कियां भोपाल की हैं, उसके बाद दूसरी सबसे ज्यादा लड़कियां विदिशा की हैं।
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बड़ा सवाल कड़ी सुरक्षा के बीच कैसे पहुंचा जहरीला पदार्थ
सूत्रों की मानें तो अस्पताल की गहन चिकित्सा इकाई में डॉक्टर इलाज जारी रखे हुए हैं। फिलहाल इस संबंध में यह पता नहीं चल पाया है कि आखिर क्या वजह रही कि उन्होंने इस तरह से आत्महत्या जैसा आत्मघाती कदम उठाया। यहां बड़ा सवाल यह भी है कि बाल गृह में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच जहां परिंदा भी पर नहीं मार सकता, ऐसे में पानी की बोतल में साथ लेकर आया यह जहरीला पदार्थ उस तक कैसे पहुंचा? ऐसे में वहां के स्टाफ पर भी कई सवाल खड़े हो गए हैं।
ऐसा लग रहा है कि कोई इसे बड़ा मुद्दा बनाकर मध्य प्रदेश की बीजेपी सरकार को घेरने की कोशिश कर रहा है। वहीं इसके अन्य अर्थ भी हो सकते हैं। गौरतलब है कि इससे पहले भी 2021 में यहां एक लड़की की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। जिसकी जांच अभी भी लंबित है।
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