मध्य प्रदेश राजनीति

MP Election 2023: एमपी में हाथी की चाल पर तय होंगे चुनावी नतीजे, तेज हुईं तैयारियां

MP Election 2023 MP Election 2023: मध्य प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) बड़ी भूमिका निभाने जा रही है। उत्तर प्रदेश की सीमा से लगे विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव नतीजों पर बसपा का खासा प्रभाव रहता है। राज्य के उन इलाकों पर गौर करें जो उत्तर प्रदेश की सीमा से जुड़े हुए हैं, उदाहरण के तौर पर ग्वालियर-चंबल, विंध्य और बुंदेलखंड, ये वो इलाके हैं जहां की करीब तीन दर्जन सीटें उत्तर प्रदेश की सीमा से जुड़ी हैं।

बीजेपी-कांग्रेस की नजर बसपा पर

इन सीटों पर मुकाबला कांग्रेस और बीजेपी के बीच है, लेकिन नतीजे पर सीधा असर बहुजन समाज पार्टी को मिलने वाले वोटों का पड़ता है। यही वजह है कि दोनों राजनीतिक दलों की नजर बसपा पर है और बसपा भी इन दोनों दलों के बागियों को अपने साथ जोड़ने की कोशिश कर रही है। प्रदेश में हुए पिछले विधानसभा चुनावों पर नजर डालें तो यह साफ हो जाता है कि जब भी बहुजन समाज पार्टी का वोट बैंक बढ़ा है, कांग्रेस को नुकसान हुआ साथ ही बीजेपी को फायदा हुआ है और और जब भी बसपा के वोट बैंक में गिरावट आई है तो उसका लाभ कांग्रेस को हुआ है। ये भी पढ़ें..Assembly Election 2023: दिल्ली में देर रात तक चली भाजपा कोर ग्रुप की बैठक, जल्द होगा उम्मीदवारों का ऐलान

राज्य में अनुसूचित जाति के लिए 35 सीटें आरक्षित

2008 के चुनाव की बात करें तो बसपा को 9 फीसदी से ज्यादा वोट मिले थे। जिसके चलते बीजेपी बढ़त में थी, जबकि 2013 के चुनाव में बीएसपी को 6 फीसदी से ज्यादा वोट मिले थे और बीजेपी बढ़त में थी। वहीं 2018 में बीएसपी का प्रतिशत गिरकर 5 के आसपास पहुंच गया और कांग्रेस को बढ़त मिल गई। यह इस बात का संकेत है कि बीएसपी के वोट बैंक में बढ़ोतरी या कमी का असर चुनाव नतीजों पर पड़ता है। राज्य में अनुसूचित जाति वर्ग का वोट बैंक 15 फीसदी से ज्यादा है और इस वर्ग के लिए राज्य में 35 सीटें आरक्षित हैं। 2018 के विधानसभा चुनाव में इन सीटों में से 18 पर कांग्रेस और 17 पर बीजेपी ने जीत हासिल की थी। राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो उनका कहना है कि राज्य विधानसभा चुनाव में बसपा का प्रभाव पूरे राज्य में तो नहीं है, लेकिन उत्तर प्रदेश की सीमा से लगे इलाकों में बसपा का प्रभाव है। यही वजह है कि बीएसपी के वोट प्रतिशत में बढ़ोतरी या कमी का सीधा असर चुनाव नतीजों पर पड़ता है। इस बार बीएसपी ने गोंगपा के साथ गठबंधन किया है, जिससे बीएसपी का वोट बैंक और बढ़ सकता है। (अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)