MP: पूर्व मंत्री अजय सिंह विश्नोई ने शराब बिक्री को लेकर खोला मोर्चा

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जबलपुर: मध्यप्रदेश में अगले साल विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं और इन चुनावों से पहले भाजपा के लिए अपने ही नेता मुसीबत बन रहे हैं। एक तरफ जहां पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने शराबबंदी की आवाज को बुलंद किया है तो वहीं जबलपुर के पाटन से विधायक और पूर्व मंत्री अजय सिंह विश्नोई ने गांव-गांव में बिक रही शराब पर सवाल उठाए हैं।

भाजपा के पूर्व मंत्री और विधायक विश्नोई लगातार सत्ता और संगठन के खिलाफ मोर्चा खोलते रहते हैं। मगर अब उन्होंने राज्य में बिक रही शराब को लेकर सवाल उठाए हैं। विश्नोई इस मामले में अपने को पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती से अलग खड़ा करते हैं और कहते हैं कि मध्यप्रदेश सरकार को शराब बिक्री के मामले में उत्तर प्रदेश की सरकार से सीख लेना चाहिए ताकि गांव-गांव में शराब की बिक्री को रोका जा सके। मध्य प्रदेश की सरकार ऐसा करने में सफल होती है तो हर पोलिंग बूथ पर पार्टी के 100 वोट बढ़ जाएंगे।

विश्नोई ने संवाददाताओं से चर्चा करते हुए कहा कि जब शराब बहुतायत में उपलब्ध हो तो हर गांव गली कूचे में आसानी से मिल जाती है, जिससे आदमी आसानी से उसका उपयोग करता है और बर्बाद होता है। छोटे बच्चे भी बर्बाद होते हैं। इस मामले में लगातार मुख्यमंत्री से कहा है और मेरा यह लड़ाई का मुद्दा है, न सिर्फ लड़ाई का मुद्दा है बल्कि राजनीतिक चुनाव के लिए भी मुद्दा है। यह ऐसा मुद्दा है जिसके जरिए भाजपा हर पोलिंग बूथ पर सहज रूप से 100 वोट बढ़ा सकती है।

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विश्नोई ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा उनका यह मुद्दा पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती के मुद्दे से अलग है क्योंकि पूरी शराबबंदी हो जाए तो उसकी अलग बुराइयां व खामियां है। मैं तो सिर्फ इतना चाहता हूं कि शराब सिर्फ दुकान से बिके। राज्य में उत्तर प्रदेश की तरह शराब की बिक्री हो, क्योंकि वहां सिर्फ दुकान से शराब बिकती है या रात 10 बजे दुकान बंद होती है तो बंद होती है। हमारा तो सिर्फ इतना निवेदन है कि शराब के ठेकेदारों-दुकानदार दुकान से बाहर जो हर गांव में जाकर शराब उपलब्ध करा रहे हैं, उसे बंद करा देना चाहिए उससे महिलाएं बहुत व्यथित हैं और बर्बादी बहुत हो रही है।

गांव-गांव में बिक रही शराब के पीछे गड़बड़ कानून व्यवस्था के सवाल पर उन्होंने कहा कि इसे लॉ एंड आर्डर का फेल्योर नहीं कह सकते। इसके लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति की जरूरत है। जिस दिन भी मुख्यमंत्री चाह लेंगे कि गांव में शराब नहीं बिकनी, दुकान से बाहर शराब नहीं बिकनी, तो खेल सिर्फ एक आदेश भर का है, एक सोच भर का है। जिस दिन मुख्यमंत्री इस इच्छाशक्ति को दिखा देंगे, उस दिन गांव के अंदर शराब बिकना, अपने आप बंद हो जाएगी। ऐसा होने पर गांव की 100 महिलाएं आपका वोट बढ़ाने के लिए खड़ी हुई हैं।

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