अजमेर: पॉक्सो कोर्ट संख्या एक के विशेष न्यायाधीश ने नाबालिग से दुष्कर्म का झूठा मुकदमा दर्ज कराने वाली मां को छह माह की कैद और 10 हजार रुपये जुर्माने से दंडित किया है।
पीड़िता की मां ने 11 जुलाई 2021 को केकड़ी सिटी थाने में मामला दर्ज कराया था कि उसकी बेटी परिवार के साथ जंगल में चरागाह में भेड़-बकरियां चराने गई थी। उनके साथ उनकी दादी भी गई थीं। दिन में करीब दो बजे जानवर चरते हुए आगे निकल गये और बेटी भी उनके साथ थी। दादी पीछे रह गईं। इस दौरान आरोपी बेटी को उठा ले गए और दो लोगों ने बारी-बारी से उसके साथ दुष्कर्म किया। पुलिस ने जांच शुरू की तो पीड़िता ने बताया कि दो लोग पिता पर चोरी का आरोप लगा रहे थे, तब उसने, मां और दादी ने आकर यह रिपोर्ट दर्ज करायी।
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कोर्ट ने कहा यह कृत्य माफ करने योग्य नहीं
जांच अधिकारी ने साक्ष्य जुटाए और मामले को झूठा मानते हुए 28 मार्च 2022 को एफआईआर पेश कर दी। इसके बाद अनुसंधान अधिकारी ने झूठा मुकदमा दर्ज कराने को अपराध मानते हुए मुकदमा दर्ज कराने वाली मां के खिलाफ 19 मई 2022 को रिपोर्ट पेश की। शनिवार को इस पर सुनवाई करते हुए न्यायाधीश ने उसे छह माह की कैद और 10 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। न्यायाधीश ने कहा कि आरोपी महिला ने अपनी नाबालिग बेटी के माध्यम से मामला दर्ज करवाया और अदालत के समक्ष 164 सीआरपीसी के बयानों में पीड़िता ने बताया कि उसके साथ कोई घटना नहीं हुई। महिला ने अपनी बेटी का सहारा लेकर निर्दोष लोगों के खिलाफ झूठी कार्रवाई की। इससे समाज, घर और परिवार में गलत संदेश गया और झूठे मुकदमे दायर कर सही और असली मुकदमों को भी झूठे मुकदमे की नजर से देखा जा रहा है। महिला का यह कृत्य माफ करने योग्य नहीं है। उसके साथ कोई नरमी नहीं बरती जा सकती।
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