किसी को ऐश्वर्या, तो किसी को मल्लिका पसंद, चर्चित हस्तियों के नाम पर हैं अधिकतर बीजों के नाम

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लखनऊः कुछ ऐसे प्रसिद्ध नाम हैं, जो हमेशा फिल्मों की शोभा बढ़ाते हैं। ऐसे नाम जब फल, फूल, सब्जियाें और अनाज के मिलते हैं, तो लोगों में इनके प्रति उत्सुकता बढ़ जाती है। ऐश्वर्या और मल्लिका जैसे नाम बीजों के भी हैं। जो लोग पहले से इनके नाम और गुण जानते हैं, उन्हें तो आश्यर्च नहीं होता लेकिन नए लोग दुकानदारों मुंह से सुनकर हैरानी जताते हैं। ध्यान आकर्षित करने वालों में राशियां, फिल्मों के हीरो-हीरोइन, ऐतिहासिक स्थल, देवी-देवता, नेता व खिलाड़ियों के नाम शामिल हैं। यहां तक कि उपकरणों के नाम भी चर्चित लोगांे के नाम पर रखे गए हैं।

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आज भी जहां आरा और अनारकली का नाम इतिहास की ओर खींचने को विवश कर देता है। यह दोनों नाम फिल्मों में किरदार के रूप में भी देखने को मिले। नीलम, मल्लिका, ऐश्वर्या, आम्रपाली, गौरव, राजीव, नमो, अखिलेश और सचिन भी ऐसे ही प्रसिद्ध नाम हैं। सचिन का सम्बंध खेलों से है, तो राजीव और अखिलेश राजनीति से है। नीलम, ऐश्वर्या और मल्लिका फिल्मों की नायिकाओं के नाम हैं। यह सारे चर्चित नाम मलिहाबाद के आम की किस्मों के भी हैं। अरहर की फसल में भी बीजों के किस्मों के नाम काफी फेमस हैं। इनमें ऋतुओं में शरद, नेताओं में जवाहर तथा गायिका आशा के नाम पर बीजों के किस्म किसानों की पसंद हैं।

हाईब्रिड धान में कावेरी, रासी और जया बड़े भू-भाग में बोया जाने वाला बीज है। गेहूं में कंचन, पूजा, लक्ष्मी, सप्तरा, अमर, विजय, विदिशा, राजेश्वरी, स्वप्निल, नरेंद्र, गंगा, भवानी, गोमती, लालबहादुर, जनक, अर्जुन, रोहिणी, स्वाती तथा सुजाता कापी आकर्षित गिए जाने वाले गेहूं के बीजों के नाम हैं। यह ऐसे बीजों के किस्म हैं, जिनके नाम नदियों के नाम पर भी रखे गए हैं, जैसे- गंगा और गोमती। जिस किसान ने इनमें से किसी एक को भी बोया, उसे अगले साल की फसल के लिए नाम याद रहता है। सरसों में भी कुछ ऐसे ही नाम धमाल मचाते हैं। यह चाहे अगेती हो या पिछेती। सरसों में एक नाम श्रीराम भी है। किसान बीज क्रय केंद्र जाकर इसे मांगता है। मुट्ठी में लेकर प्रभु श्रीराम को याद कर इसे अपने खेतों में बोने का निर्णय जल्द कर लेता है। आलू में बादशाह, चंद्रमुखी दो नाम काफी प्रसिद्ध हैं।

ये नाम भी फिल्मों में मिल जाते हैं और काफी चर्चा में रहे हैं। आलू के बीजों में और भी कई नाम हैं, जो ध्यान खींचने के लिए काफी हैं। तरोई में सुप्रिया और दिव्या को भला कोई कैसे भूल सकता है। इसी तरह उपकरणों के नाम रखते समय लोगों का ध्यान खींचने की कोशिश की जाती है। प्रताप, सोनालिका, प्रीत और महिंद्रा ऐसे नाम हैं, जो शख्सियतों के भी हैं। कम्पनियां जब भी किसी वस्तु का नाम रखती हैं, तो उनकी कोशिश रहती है कि नामकरण में वह जल्द पकड़ में आने वाला ही चुनें।

  • शरद त्रिपाठी की रिपोर्ट

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