5000 हजार से अधिक ईवी खरीदारों को छूट का इंतजार

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लखनऊः सूबे में इलेक्ट्रिक वाहन को बढ़ावा देने की प्रदेश सरकार की गति पर शासन और परिवहन विभाग ने ब्रेक लगा रखा है। न तो शासन इलेक्ट्रिक वाहन खरीदारों को छूट देने के मसौदे को मंजूरी दे पा रहा है और न ही परिवहन विभाग इसका पोर्टल तैयार करा पा रहा है। इसके चलते राजधानी लखनऊ में ही पांच हजार से अधिक इलेक्ट्रिक वाहन खरीदारों का छूट का इंतजार बढ़ता जा रहा है।

गौरतलब है कि सूबे में उप्र इलेक्ट्रिक वाहन विनिर्माण एवं गतिशिलता नीति को 14 अक्टूबर 2022 को लागू कर दिया गया है। जिसके बाद से इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने वालों को पंजीकरण शुल्क व रोड टैक्स में छूट देने के साथ ही सब्सिडी दी जा रही है। बीते वित्तीय वर्ष में 14 अक्टूबर के बाद जिन लोगों ने इन वाहनों को खरीदा है, उन्हें सब्सिडी का पैसा वापस नहीं मिला है। इसकी वजह यह है कि छह माह में इसका पोर्टल ही एनआईसी तैयार नहीं कर सका है। प्रदेश सरकार की इलेक्ट्रिक वाहन नीति के तहत ईवी वाहन खरीदारों को पंजीकरण शुल्क व रोड टैक्स में सौ प्रतिशत छूट के साथ ही सब्सिडी भी मिलनी है। परिवहन विभाग ने छूट का मसौदा तैयार कर मंजूरी के लिए शासन को भेजा है। हालांकि, शासन की ओर से ईवी वाहन खरीदारों को बैंक के जरिए अथवा ट्रेजरी के माध्यम से छूट के पैसे की वापसी की जाएगी, यह तय नहीं हो सका है।

इसके चलते ऐसे ईवी वाहन खरीदार परेशान हैं, जिन्होंने 14 अक्टूबर, 2022 से 31 मार्च 2023 तक खरीदारी की है, वहीं खरीदारों को पंजीकरण शुल्क वापसी के लिए पोर्टल की मदद लेनी होगी। हालांकि, परिवहन विभाग द्वारा तैयार कराया जा रहा पोर्टल नीति लागू होने के छह महीने बाद भी एनआईसी तैयार नहीं कर पाया है। ऐसे में पांच हजार से अधिक वाहन खरीदार पंजीकरण शुल्क वापसी को लेकर परेशान हैं। परिवहन विभाग के अफसरों की मानें तो शासन में लम्बित मसौदे को मंजूरी मिलते ही एक माह में यह प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी।

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इसके लिए परिवहन विभाग द्वारा तैयार कराए जा रहे ईवी वाहन खरीदारों को पोर्टल पर आवेदन करना होगा। प्रदूषण में कमी लाने के लिए केंद्र सरकार ई-वाहन खरीद को बढ़ावा दे रही है। इसके तहत वर्ष 2030 तक सड़कों पर 60 प्रतिशत इलेक्ट्रिक वाहन उतारने का लक्ष्य तय किया गया है। ई-वाहन खरीदने पर टैक्स व पंजीयन में 100 प्रतिशत छूट प्रदान की जा रही है। इसके अलावा बस की खरीद पर प्रति वाहन 20 लाख रुपए, चार पहिया की खरीद पर 01 लाख रुपए, तीन पहिया की खरीद पर 12 हजार रुपए व दो पहिया की खरीद पर 05 हजार रुपए सब्सिडी भी दी जाएगी।

इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए प्रत्येक जिले में 20 चार्जिंग स्टेशन

प्रदेश सरकार यूपी में इलेक्ट्रिक वाहन निर्माण को बढ़ावा देने के लिए ठोस कदम उठा रही हैै। इसके तहत प्रत्येक जनपद में कम से कम 20 चार्जिंग स्टेशन और पांच स्वैपिंग स्टेशन बनाना अनिवार्य कर दिया है। अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त मनोज कुमार सिंह ने बीते बुधवार को उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रिक वाहन विनिर्माण एवं गतिशीलता नीति की नियमावली जारी कर दी है। नियमावली के अनुसार, नीति की प्रभावी अवधि में अधिकतम पांच लाख प्रति इकाई की सीमा के अधीन राज्य में स्थापित होने वाले पहले 1,000 स्वैपिंग स्टेशनों में सेवा इकाइयों के लिए 20 प्रतिशत दर से पूंजी खर्च की जाएगी।

नीति अवधि के दौरान प्रत्येक जनपद में न्यूनतम 20 चार्जिंग स्टेशन की व्यवस्था करनी होगी। अधिकतम 10 लाख प्रति इकाई की सीमा में स्थापित होने वाले पहले 10 लाख प्रति इकाई के अधीन 2,000 चार्जिंग स्टेशनों की सेवा इकाइयों पर 20 प्रतिशत खर्च किया जाएगा। प्रोत्साहन व लाभ चार्जिंग व स्वैपिंग स्टेशन के व्यवसायिक संचालन शुरू होने के बाद दिया जाएगा।

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