Morbi bridge accident- अहमदाबादः गुजरात सरकार ने सोमवार को हाईकोर्ट से विशेष जांच दल की अंतिम रिपोर्ट सौंपने के लिए 2 हफ्ते का अतिरिक्त समय देने का अनुरोध किया। दरअसल एसआईटी अक्टूबर 2022 में मोरबी शहर में एक सस्पेंशन ब्रिज के ढहने की जांच कर रही है। मोरबी में मच्छू नदी पर बना सस्पेंशन ब्रिज ढह गया था। इस हादसे में महिलाओं और बच्चों सहित 135 लोगों की मौत हो गई थी जबकि 56 से अधिक लोग घायल हुए थे।
मुख्य न्यायाधीश सुनीता अग्रवाल और न्यायमूर्ति अनिरुद्ध माई की खंडपीठ ने सरकार को दो सप्ताह का समय दिया और इस बात पर जोर दिया कि पिछले साल आपदा के बाद अदालत द्वारा शुरू की गई स्वत: संज्ञान जनहित याचिका पर अब कोई रोक नहीं लगाई जा रही है। कोर्ट ने अंतिम समय में दलीलों की तैयारी को लेकर भी सवाल उठाए, जिससे कार्यवाही में दिक्कतें आईं।
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गुजरात सरकार ने ब्रिज ढहने की जांच के लिए पांच सदस्यीय एसआईटी का गठन किया था। एसआईटी ने दिसंबर 2022 में एक अंतरिम रिपोर्ट प्रस्तुत की। अंतरिम रिपोर्ट में ओरेवा समूह द्वारा संरचना की मरम्मत, रखरखाव और संचालन में कई खामियों पर प्रकाश डाला गया। जिसके बाद ओरेवा ग्रुप के प्रबंध निदेशक जयसुख पटेल इस मामले में प्राथमिक आरोपी हैं, फिलहाल हिरासत में हैं।
31 अगस्त को पिछली सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता कमल त्रिवेदी ने अदालत को सूचित किया था कि एसआईटी की अंतिम रिपोर्ट तीन सप्ताह के भीतर उपलब्ध होगी और बाद में पीठ के समक्ष पेश की जाएगी। नवंबर, 2022 में, सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट को समय-समय पर जांच और पीड़ितों या उनके परिवारों को पुनर्वास और मुआवजा सहित त्रासदी के अन्य पहलुओं की निगरानी करने का निर्देश दिया।
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