नई दिल्लीः दक्षिण पश्चिम मानसून सोमवार को दक्षिण बंगाल की खाड़ी के कुछ हिस्सों, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के अधिकांश हिस्सों और अंडमान सागर में आगे बढ़ गया है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने इसकी घोषणा की। यह खबर दक्षिण पश्चिम मानसून के 15 मई को दक्षिण अंडमान सागर में पहुंचने की पूर्व घोषणा की तुलना में एक दिन सामने आई है। मानसून की सामान्य तिथियों पर गौर करें तो अंडमान सागर के ऊपर दक्षिण-पश्चिम मानसून की शुरूआत 22 मई के आसपास होती है।
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उम्मीदें अब 27 मई को केरल के तटों पर इसके आगमन पर केंद्रित हैं, जैसा कि पिछले सप्ताह आईएमडी द्वारा घोषित किया गया था और यह 1 जून की सामान्य तारीख से पहले ही होने की उम्मीद है। हालांकि, आईएमडी का कहना है कि पिछले आंकड़ों से पता चलता है कि अंडमान सागर के ऊपर मानसून के आगे बढ़ने की तारीख का केरल में मानसून की शुरूआत की तारीख या देश में मौसमी मानसून की बारिश के साथ कोई सीधा संबंध नहीं है।
आईएमडी के पूर्वानुमान में कहा गया है कि निचले क्षोभमंडल स्तरों में दक्षिण-पश्चिमी हवाओं के मजबूत होने के मद्देनजर, व्यापक रूप से भारी बारिश के साथ क्षेत्र में लगातार बादल छाए रहेंगे। अगले पांच दिनों के दौरान अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में भारी बारिश के साथ गरज/आसमानी बिजली/तेज हवाओं के साथ व्यापक वर्षा होने की संभावना है, जबकि हवा की गति 40-50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने की संभावना है। यह स्थिति 18 मई तक अंडमान सागर, बंगाल की दक्षिण-पूर्वी खाड़ी और उससे सटे पूर्व-मध्य बंगाल की खाड़ी व आसपास के इलाकों में भी रहने की संभावना है। आईएमडी ने कहा कि अगले 2-3 दिनों के दौरान दक्षिण पश्चिम मानसून के बंगाल की दक्षिण खाड़ी के कुछ और हिस्सों, पूरे अंडमान सागर और अंडमान द्वीप समूह और पूर्व-मध्य बंगाल की खाड़ी के कुछ हिस्सों में आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियां अनुकूल हैं।
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