सत्येंद्र जैन को नहीं मिली जमानत, इस दिन फिर होगी सुनवाई

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नई दिल्लीः ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जेल में बंद दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन की जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि कोर्ट ने चार्जशीट पर संज्ञान लेकर माना है कि पहली नजर में अपराध हुआ है। ईडी की ओर से एएसजी एसवी राजू ने ये दलीलें राऊज एवेन्यू कोर्ट में रखीं। जमानत याचिका पर अगली सुनवाई 9 नवम्बर को होगी।

सुनवाई के दौरान राजू ने कहा कि सत्येंद्र जैन से जुड़ी पांच कम्पनियां हैं। ये पांच कम्पनियां सिर्फ कागजी थीं, जिनका इस्तेमाल पैसों को इधर-उधर करने के लिए किया जाता था। इन कम्पनियों में व्यापार नहीं होता था, जिनकी कोलकाता की शेल कम्पनी में फर्जी एंट्री कराई जाती थी। इनका मकसद कालाधन को सफेद धन में बदलना था।

सुनवाई के दौरान ईडी ने कहा कि सत्येंद्र जैन प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से कम्पनियों में एंट्री कराने में शामिल रहे। सभी शेल कम्पनियां चेक पीरियड से पहले और बाद में अभी तक वैसी ही है। ईडी ने कहा कि सत्येंद्र जैन कोलकाता के हवाला ऑपरेटर को नकद पैसा मुहैया करा रहे थे। यह एक प्रभावशाली राजनेता से जुड़ा हुआ मामला है जो न सिर्फ पैसों का हेरफेर कर रहा था बल्कि कालेधन को सफेद कर रहा था। ईडी ने कहा कि जैन ने सबूतों के साथ छेड़छाड़ करने की कोशिश की।

जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान 28 अक्टूबर को जैन की ओर से वकील एन हरिहरन ने कहा था कि जैन के खिलाफ कोई आरोप नहीं है। उनकी केवल एक गलती है कि वे एक मंत्री बने और सार्वजनिक जीवन की शुरुआत की। उन्होंने कहा था कि सत्येंद्र जैन को हिरासत में रखना पूरे तरीके से न्याय के खिलाफ होगा। उन्होंने कहा था कि क्या अल्प शेयरधारक किसी कम्पनी को नियंत्रित कर सकता है। उन्होंने कहा कि एक डायरेक्टर किसी कम्पनी का केवल एक प्रतिनिधि होता है। जिस समय का मामला है उस समय सत्येंद्र जैन कम्पनी में थे भी नहीं। अगर जैन राजनीति में नहीं आए होते तो ये केस दर्ज नहीं हुआ होता।

दिल्ली हाईकोर्ट ने 01 अक्टूबर को सत्येंद्र जैन की जमानत याचिका दूसरी कोर्ट में ट्रांसफर करने के आदेश के खिलाफ दायर याचिका खारिज कर दी थी। 24 सितंबर को प्रिंसिपल डिस्ट्रिक्ट एंड सेशंस जज विनय कुमार ने सत्येंद्र जैन की जमानत याचिका दूसरी कोर्ट में ट्रांसफर करने का आदेश दिया था। राऊज एवेन्यू कोर्ट के प्रिंसिपल डिस्ट्रिक्ट एंड सेशंस जज ने जैन की जमानत याचिका पर विकास धूल की कोर्ट में सुनवाई के लिए भेज दिया था।

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