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Moharram 2024: ताजिया जुलूस में या हुसैन, या अली की सदाओं से गूंजा इलाका

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Moharram 2024: गम और रंज के पर्व मोहर्रम पर मुस्लिम बस्तियों में रखे गए ताजिये मंगलवार और बुधवार रात को मातमी जुलूस के साथ निकाले गए। मिलाप स्थल पर लगे मेले में ताजियों का जुलूस इकट्ठा हुआ जहां जायरीनों ने ताजियों की जियारत कर मन्नत मांगी और फातिहा पढ़कर तबर्रुक तकसीम किया इसके बाद गुरुवार के दिन ताजियों को करबला ले जाकर सुपुर्दे खाक कर दिया गया।

या हुसैन के नारों से गूंजा इलाका 

बता दें, मोहर्रम का त्योहार गमगीन माहौल में बहुत ही सादगी व अकीदत के साथ शांतिपूर्ण तरीके से मनाया गया। मंगलवार रात बारह बजे से ताजिये उठना शुरू हुए। जुलूस में शामिल हजारों अकीदतमंद और जायरीन के या हुसैन, या अली के नारों से सदायें गूंज रही थीं।

मुस्लिम युवाओं की टोलियों ने लगाए स्टाल 

ताजियों में शामिल बैंड मातमी धुन बजाते हुए चल रहे थे। इस दौरान लोगों ने ताजियों की जियारत कर मन्नतें मानी और फातिहा पढ़कर तबर्रुक तकसीम किया। बता दें, कस्बे में ताजियों के जुलूस के रास्तों पर मुस्लिम युवाओं की टोलियों ने जगह-जगह स्टाल लगा रखे थे जहां पानी, शरबत और चाय वितरित की जा रही थी। ताजियों के जुलूस में बीस से ज्यादा जगहों पर जमकर लुट्टस लुटाई गई।

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वहीं बुधवार की शाम दोबारा सभी ताजियों का जुलूस मातमी धुनों और नक्कारे की धुनों के बीच निकाला गया। मेले में कस्बे और गांव क्षेत्र के हजारों लोगों ने पहुंचकर ताजियों की जियारत की मन्नत मानी और फातिहा पढ़कर तबर्रुक तकसीम किया। देर रात तक मेले में रौनक बनी रही और भोर गमगीन माहौल में ताजियों को कर्बला ले जाकर सुपुर्दे खाक किया गया।

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