बुरहानपुर : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत (mohan-bhagwat) ने कहा कि कोई भी राष्ट्र तभी महान बनता है जब उसके नागरिक देशभक्त हों और देश के लिए कोई भी कुर्बानी देने को तैयार हों। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के माध्यम से भी भारत इस दिशा में आगे बढ़ रहा है। दुनिया हम सबका एक ही नाम जानती है। हम सब हिन्दू हैं। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत सोमवार को सरस्वती नगर में आयोजित बौद्धिक सत्र के दौरान ये बात कही।
इससे पहले उन्होंने यहां राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नए कार्यालय भवन का उद्घाटन किया। इस कार्यालय का निर्माण डॉ. हेडगेवार स्मारक समिति द्वारा किया गया है। बौद्धिक सत्र के दौरान जापान का उदाहरण देते हुए डॉ. भागवत ने कहा कि वहां एक शोध निकला था, जिसमें जापान के विकास के पीछे नौ प्रमुख कारण बताए गए थे। इनमें लोगों का देशप्रेमी होना, अपने स्वार्थ की बलि देना, साहस के लिए तैयार रहना और देश व समाज के हित को ध्यान में रखना मुख्य बिंदु थे।
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उन्होंने कहा कि देश को परम वैभव तभी प्राप्त होगा जब हम अपनी क्षमता में निरंतर वृद्धि करते रहेंगे। संगठित शक्ति का प्रयोग जनकल्याण के लिए होना चाहिए। देश के 130 करोड़ लोगों को देश के लिए संगठित करना है। उन्होंने कहा कि संघ का कार्यालय ऐसा होना चाहिए जहां आने वाला व्यक्ति संघ जैसा माहौल देख सके. लोग किसी स्वार्थ या भय के कारण संघ से नहीं जुड़ते, क्योंकि यहां किसी को कुछ नहीं मिलता। आत्मीयता ही एक मात्र कारण है जो लोगों को संघ से जोड़ती है।
भागवत (mohan bhagwat) ने कहा कि देश और संस्कृति जो भी है, हमारी है. हिन्दू संस्कृति की रक्षा करना हम सबका दायित्व है। अगर कुछ गलत है तो उसे ठीक करना भी हमारा काम है। ऑफिस में अनुशासन जरूरी है, लेकिन इसका पालन इस कदर नहीं करना चाहिए कि लोग खुद को बंधा हुआ महसूस करें। मालवा प्रांत के संघचालक प्रकाश शास्त्री, बुरहानपुर के संघचालक संजय चौधरी और हेडगेवार स्मृति समिति के अध्यक्ष डॉ. महेंद्र शुक्ल भी मौजूद रहे।
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मध्य प्रदेश