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किसानों के कल्याण के लिए समर्पित है मोदी सरकार, कृषि बजट को लेकर क्या बोले अनुराग ठाकुर

Farmers Protest: देश में चल रहे किसान आंदोलन के बीच केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण और युवा एवं खेल मामलों के मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा कि मोदी सरकार हमेशा किसानों के कल्याण के लिए समर्पित रही है। किसानों के विरोध प्रदर्शन के बीच केंद्र सरकार ने किसान संगठनों के नेताओं को बातचीत के लिए आमंत्रित किया था। अनेक किसान नेता आये और बहुत सार्थक चर्चा भी हुई। हमने अगली बैठक रविवार के लिए निर्धारित की है। मुझे पूरा विश्वास है कि रविवार को भी अच्छे माहौल में बातचीत होगी। हम मुद्दों के समाधान की दिशा में आगे बढ़ेंगे।

केंद्र के कामकाज पर प्रतिक्रिया देते हुए अनुराग ठाकुर ने कहा, ‘खाद, पानी, एमएसपी पर खरीद, बैंकों से सस्ते कर्ज और मुआवजे पर मोदी सरकार ने पिछले 10 साल में जितना काम किया है, उतना आज से पहले किसी सरकार ने नहीं किया।’ 2013-14 में जब यूपीए सरकार सत्ता में थी तो कृषि बजट 27 हजार 662 करोड़ रुपये था। अब मोदी सरकार का कृषि बजट 1 लाख 25 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा है। यानी यूपीए काल से 5 गुना ज्यादा कृषि बजट।

कांग्रेस को लिया आड़े हाथ

कांग्रेस के समय में किसान सम्मान निधि नहीं थी, हमने किसान सम्मान निधि के माध्यम से 11 करोड़ से ज्यादा किसानों के बैंक खातों में 2 लाख 81 हजार करोड़ रुपये सीधे ट्रांसफर किए हैं। यूपीए काल की फसल बीमा योजना के तहत किसानों को कुछ नहीं मिला। मोदी सरकार में किसानों को डेढ़ लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का मुआवजा मिला है।

उन्होंने आगे कहा कि 10 हजार एफपीओ में से 8 हजार का गठन हो चुका है और लाखों किसान भी इससे जुड़ चुके हैं। एमएसपी पर आगे चर्चा करते हुए अनुराग ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस के समय गेहूं, धान, दलहन और तिलहन की कुल खरीद 5 लाख 50 हजार करोड़ रुपये की होती थी। मोदी सरकार ने 18 लाख 39 हजार करोड़ रुपये यानी करीब साढ़े तीन गुना ज्यादा की खरीदारी की। इससे पता चलता है कि हमने कीमतें भी बढ़ा दीं और खरीदारी भी दोगुनी से ज्यादा कर दी।

मोदी सरकार की बताई उपलब्धियां

अनुराग ठाकुर ने मोदी सरकार द्वारा किसानों के हित में किए गए कार्यों की जानकारी देते हुए कहा कि मोदी सरकार ने सिंचाई योजनाओं पर डेढ़ गुना ज्यादा यानी करीब 15 हजार 500 करोड़ रुपये खर्च किए। कांग्रेस के समय कृषि ऋण लगभग 7 लाख करोड़ रुपये था, जिसे हमने बढ़ाकर 20 लाख करोड़ रुपये कर दिया है। ये तो पिछले साल का ही आंकड़ा है।

उनके समय में 2 लाख 62 हजार करोड़ रुपये का निर्यात होता था, हमने 4 लाख 27 हजार करोड़ रुपये का निर्यात किया। इसी तरह अगर आप कोई और क्षेत्र लें तो उसमें भी कांग्रेस पूरी तरह फीकी नजर आएगी।

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