नई दिल्लीः कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक बार फिर कृषि कानूनों को खेती विरोधी बताते हुए केंद्र की मोदी सरकार को निशाने पर लिया है। उन्होंने कहा कि ज्यादातर किसान कानून को समझ ही नहीं रहे, अगर समझ पाते तो देश में आग लग जाती। उन्होंने सरकार से अपील भी की है कि कृषि कानूनों को वापस लिया जाए।
राहुल गांधी गुरुवार को अपने संसदीय क्षेत्र वायनाड में एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। वायनाड में आयोजित यूडीएफ कन्वेंशन में राहुल गांधी ने कहा कि सच्चाई यह है कि ज्यादातर किसान बिल (तीन कृषि कानूनों) की डिटेल नहीं समझते हैं, क्योंकि अगर उन्होंने ऐसा किया तो पूरे देश में आंदोलन होगा। देश में आग लगी होगी। उन्होंने कहा कि वर्तमान में किसान सिर्फ कुछ मुद्दों को ही उठा रहे हैं और आंदोलन कर रहे हैं, जबकि कानून को लेकर बड़ा पक्ष अब भी छिपा हुआ है। कांग्रेस सांसद ने कहा कि कुछ साल पहले भी देखने को मिला था कि कैसे देश के किसानों पर हमला हुआ था। तब मामला भट्टा परसौल का था, जहां किसानों की जमीनें छीनी जा रही थीं।
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उन्होंने कहा कि उस वक्त इस समस्या का अहसास होते ही मैंने पार्टी में बातचीत की और नया भूमि अधिग्रहण बिल आया था। अर्थव्यवस्था के मुद्दे पर भी कांग्रेस नेता ने सरकार को घेरते हुए कहा कि देश की स्थिति किसी से छुपी नहीं है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार कुछ पूंजिपतियों के हितों को ध्यान में रखकर फैसले ले रही है, जिसका खामियाजा किसान और मजदूरों को भुगतना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार को गरीब और मध्यमवर्ग दिखता ही नहीं है और न ही लोगों का दर्द उन्हें महसूस होता है। उल्लेखनीय है कि राहुल गांधी दो दिवसीय दौरे पर केरल पहुंचे हुए हैं। यहां विभिन्न कार्यक्रमों में शामिल होने के साथ राज्य की राजनीति में कांग्रेस को पुनर्स्थापित करने की भी कोशिश कर रहे हैं। इस क्रम में सीटों के बंटवारे को लेकर सहयोगी पार्टियों के साथ बातचीत का भी दौर चल रहा है।