छत्तीसगढ़ Featured

नक्सल प्रभावित सुकमा की बदल रही तस्वीर, मोबाइल व इंटरनेट से जुड़ रहे लोग


रायपुर : छत्तीसगढ़ में नक्सल (Naxalite) प्रभावित इलाकों में संचार सुविधाओं को दुरुस्त करना बड़ी चुनौती रहा है, क्योंकि नक्सली (Naxalite) अपने अभियान में इसे बड़ा रोड़ा मानते रहे हैं और वहां स्थापित होने वाले संचार टावरों को ध्वस्त करने में नहीं हिचके, मगर अब स्थितियां बदल रही हैं। यहां के सुकमा इलाके में स्थापित होते मोबाइल टावर और मजबूत संचार सेवाओं से जुड़ते लोगों को अपने जीवन में बदलाव का अहसास होने लगा है।

वर्तमान में संचार माध्यम (source of communication) की आवश्यकता हर किसी को है। मोबाइल और इंटरनेट आज लोगों के जीवन का अहम हिस्सा बन चुका है। सुकमा जिले में प्रशासन द्वारा संचार सुविधाओं के विस्तार और सु²ढ़ीकरण का काम तेजी से कराया जा रहा है। सुकमा में कई ऐसे क्षेत्र हैं, जहां वर्षों से मोबाइल नेटवर्क नहीं था। जिससे यहां रहने वाले ग्रामीणजन देश-दुनिया की तरक्की से अनजान थे। उन्हें मोबाइल फोन स्मार्टफोन के बारे में पता ही नहीं था। ऑनलाइन लेन-देन तो दूर की बात है। नई पीढ़ी के युवाओं का वास्ता स्मार्ट फोन से तो रहा, पर अच्छे नेटवर्क और सिगनल के अभाव में वह इंटरनेट की दुनिया से परिचित नहीं रहे।

ये भी पढ़ें..Weather Update: महाराष्ट्र में अगले चार दिनों तक भारी बारिश की...

इस नक्सल (Naxalite) प्रभावित जिले में सार्वभौमिक सेवा दायित्व निधि द्वारा संचार व्यवस्था को बेहतर करने के लिए जिले के ऐसे क्षेत्र जहां किसी भी नेटवर्क की पंहुच नहीं है, उनका सर्वे कार्य कर वहां मोबाइल टावर स्थापित किए जा रहे हैं। पिछले एक माह के भीतर ही जिले में चार स्थानों पर मोबाइल टावर स्थापित किए गए हैं। जिसमें तीन टावर जिले के संवेदनशील क्षेत्रों कोण्टा विकासखण्ड के मिनपा एवं एल्मागुण्डा में मोबाइल टॉवर स्थापित किए गए हैं।

ग्रामीणों का कहना है कि पहले अपनों से बात करने के लिए, एंबुलेंस बुलाने या आपातकालीन स्थिति में कई बार पहाड़ों पर चढ़ना पड़ता था या कई किलोमीटर सफर करना पड़ता था तब बड़ी मुश्किल से बात हो पाती थी। मोबाइल टावर (mobile tower) लगाए जाने से उन्हें सुविधा हुई है। जिले में संचार व्यवस्था के विस्तार के लिए नो नेटवर्क क्षेत्रों का सर्वे कार्य किया जा रहा है। जिसमें सार्वभौमिक सेवा दायित्व निधि द्वारा प्रथम चरण में 42 मोबाइल टॉवर लगाएं जा रहे हैं। संचार सुविधा में हो रहे इजाफे का लाभ सुरक्षा बलों को भी होगा, क्योंकि जिन इलाकों में नक्सली गतिविधि होगी, उसकी सूचना उन तक अपने मुखबिरों से जल्दी मिलेगी। इतना हीं नहीं मदद पहुंचाने में भी संचार सेवा मददगार बनेगी।

अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें…