लखनऊ: Mission 2024 के लिए पक्ष और विपक्ष की पार्टियों में गुटबाजी शुरू हो गई है। बेंगलुरु में विपक्षी दलों की बैठक के बाद पूरे देश की नजर एनडीए की बैठक पर थी। मंगलवार को नई दिल्ली में हुई एनडीए की बैठक में 38 दलों के नेता शामिल हुए। इसमें उत्तर प्रदेश के तीन प्रमुख सहयोगी दलों के नेता भी शामिल हुए हैं।
इन तीन सहयोगियों में अपना दल एस और निषाद पार्टी पहले से ही बीजेपी के साथ हैं। ओम प्रकाश राजभर की सुभासपा के बीजेपी के साथ गठबंधन से उत्तर प्रदेश, खासकर पूर्वांचल में एनडीए गठबंधन मजबूत हुआ है।
क्योंकि ओम प्रकाश राजभर बीजेपी छोड़कर सपा में शामिल हो गए थे। इसी सप्ताह ओम प्रकाश राजभर की केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात हुई थी। वह बीजेपी गठबंधन के साथ बैठक में शामिल हुए हैं।
जयंत चौधरी पर हैं सबकी निगाहें
पूर्वांचल में खासा प्रभाव रखने वाली पार्टी सुभासपा के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर के एनडीए में शामिल होने और सपा छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए दारा सिंह चौहान के बाद अब सबकी निगाहें आरएलडी अध्यक्ष जयंत चौधरी पर हैं। बेंगलुरु में आयोजित विपक्षी दलों की बैठक में जयंत चौधरी जरूर शामिल हुए हैं, लेकिन उनके बीजेपी में शामिल होने की पूरी संभावना है। अगर जयंत चौधरी एनडीए का हिस्सा बनते हैं तो उत्तर प्रदेश में विपक्षी दल भारतीय राष्ट्रीय जनतांत्रिक समावेशी गठबंधन के होश उड़ जाएंगे। भले ही आज जयंत चौधरी ने बीजेपी के साथ जाने से इनकार कर दिया हो, लेकिन जानकारों का कहना है कि आज नहीं तो कल वह बीजेपी के साथ जाएंगे।
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उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद ने कहा है कि कांग्रेस के नेतृत्व वाले गठबंधन का भविष्य अंधकारमय है। कांग्रेस समेत विपक्ष को पता है कि 2024 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बीजेपी को तीसरी बार केंद्र में सरकार बनाने से नहीं रोक पाएंगे।
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