भोपालः मध्य प्रदेश (MP) में भारतीय जनता पार्टी (BJP) की प्रचंड जीत के बाद मोहन यादव सरकार के मंत्रियों के लिए सरकारी बंगले आवंटित कर दिए गए। पदभार संभालने के करीब एक महीने बाद मोहन सरकार के कैबिनेट मंत्रियों को राजधानी भोपाल में बंगले आवंटित किए गए।
शिवराज सरकार में मोहन यादव उच्च शिक्षा मंत्री रहते मंत्रालय के जिस ऑफिस में बैठते थे, वह अब स्कूल शिक्षा और परिवहन मंत्री राव उदय प्रताप सिंह को दिया है। वहीं, शिवराज सरकार में नगरीय प्रशासन मंत्री रहे भूपेंद्र सिंह का ऑफिस विजय शाह को दिया गया है।
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किस मंत्री का क्या रहेगा पता, जानें पूरी डिटेल्स
इस संबंध में गृह विभाग की ओर से गुरुवार को आदेश जारी किये गये। इनमें से ज्यादातर मंत्री फिलहाल गेस्ट हाउस में रह रहे थे। पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल को बी-7, सिविल लाइंस आवंटित किया गया है। अभी तक प्रहलाद पटेल अपने छोटे पूर्व विधायक जालम सिंह को आवंटित मकान में रह रहे थे।
- स्कूल एवं परिवहन मंत्री राव उदय प्रताप सिंह सर्किट हाउस में रह रहे थे, उन्हें 74 का बी-17 बंगला आवंटित किया गया है।
- लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री संपतिया उइके एमएलए रेस्ट हाउस में ठहरी थीं, उन्हें बंगला बी-12ए, 74 आवंटित किया गया है।
- महिला एवं बाल विकास मंत्री निर्मला भूरिया को बी-10, 74 बंगला।
- विधायक विश्राम गृह में रुके नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री राकेश शुक्ला को बी-19, 74 बंगला।
- वन-पर्यावरण एवं अनुसूचित जाति मंत्री नागर सिंह चौहान को बी-12बी, 74 बंगला।
- सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री चैतन्य कश्यप करे बी-2, काशियाना बंगला।
- संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री धर्मेन्द्र भाव सिंह लोधी को बी-11, 74 बंगला।
- कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री दिलीप जायसवाल बी-2, चार इमली।
- कौशल विकास एवं रोजगार मंत्री गौतम टेटवाल, सी-1, 74 बंगला।
- पशुपालन एवं डेयरी विकास राज्य मंत्री लखन पटेल सी-14, शिवाजी नगर।
- सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण मंत्री नारायण सिंह कुशवाह को बी-11, चार इमली में बंगला आवंटित किया गया है।
चुनाव हारने वाले कई मंत्रियों ने अभी तक नहीं खाली किए बंगले
फिलहाल सरकार के 13 मंत्रियों को बंगले आवंटित किये गये हैं। बंगले आवंटित होने के बाद भी मंत्री अपने बंगलों में नहीं रह सकेंगे क्योंकि सभी बंगले खाली नहीं हुए हैं। शिवराज सरकार के 12 मंत्री चुनाव हार गए हैं, लेकिन उन्होंने अब तक बंगले खाली नहीं किए हैं।
इसके बाद चुनाव जीतने वाले मंत्रियों ने भी अभी तक अपने बंगले खाली नहीं किए हैं। गृह विभाग के मुताबिक पूर्व विधायक को भी बंगला आवंटित किया जा सकता है। यह विशेषाधिकार मुख्यमंत्री को प्राप्त है। हालांकि, शर्त यह है कि वह पूर्व मंत्री या पार्टी पदाधिकारी होना चाहिए।
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