Milkipur by-Election : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शुक्रवार को मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव के लिए जनसभा को संबोधित करेंगे। जनसभा का आयोजन पलिया मैदान में किया गया है, जिसमें 50 से 75 हजार लोगों के जुटने की उम्मीद है। सीएम योगी आदित्यनाथ की यह रैली अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा समारोह की पहली वर्षगांठ के सफल आयोजन के बाद हो रही है।
भाजपा इस विधानसभा सीट पर कमल खिलाने की कोशिश कर रही है। इस सीट पर भाजपा और सपा के बीच सीधा मुकाबला है, जबकि बहुजन समाज पार्टी (बसपा) उपचुनाव मैदान से दूर है। भाजपा और सपा दोनों ने ही इस क्षेत्र में दलितों की प्रमुख उपजाति पासी समाज के नेता को मैदान में उतारा है।
3.58 लाख मतदाता करेंगे प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला
मिल्कीपुर आरक्षित विधानसभा सीट है, जहां 3.58 लाख मतदाताओं में से 1.40 लाख दलित हैं। दलित मतदाताओं में से करीब 50 हजार पासी समुदाय से हैं, जबकि कोरी और जाटव का अच्छा खासा वोट बैंक है। इस विधानसभा क्षेत्र में करीब 50 हजार ओबीसी, 60 हजार ब्राह्मण, 50 हजार यादव, 30 हजार मुस्लिम और 25 हजार राजपूत मतदाता हैं।
नामांकन पत्र वापस लेने की अंतिम तिथि के बाद मिल्कीपुर उपचुनाव के लिए दस प्रत्याशी मैदान में रह गए हैं। इस सीट पर दलित वोट बैंक निर्णायक स्थिति में है, इसलिए भाजपा और सपा दोनों ही बसपा की अनुपस्थिति में इस वोट बैंक को अपने पाले में लाने की कोशिश कर रही हैं। 2022 के विधानसभा चुनाव में इस सीट से समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी अवधेश प्रसाद ने भाजपा प्रत्याशी बाबा गोरखनाथ को 13,338 मतों से हराया था।
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सपा-भाजपा में सीधी टक्कर
लोकसभा चुनाव 2024 में अवधेश प्रसाद ने सपा के बैनर तले फैजाबाद सीट से जीत दर्ज की थी, जिसके बाद मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव हो रहा है। समाजवादी पार्टी ने सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद को अपना प्रत्याशी बनाया है, जबकि भाजपा ने चंद्रभानु पासवान पर दांव लगाया है। बसपा ने उपचुनाव न लड़ने का ऐलान किया है। ऐसे में बसपा का वोट किधर जाता है, इस पर सबकी नजर रहेगी। मिल्कीपुर में पांच फरवरी को मतदान होगा जबकि आठ फरवरी को नतीजे आएंगे।