नई दिल्ली: उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने कांग्रेस के तमाम नेताओं और राहुल गांधी सहित अन्य दलों के नेताओं का नाम लिए बगैर कहा कि कुछ लोगों ने देश की छवि खराब करने का फैसला किया है। बताया जाता है कि राज्यसभा में माइक बंद कर दिया जाता है।
शनिवार को एक जनसभा को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा, मैं राज्यसभा का सभापति हूं, लोकसभा देश की सबसे बड़ी पंचायत है, जहां का माइक कभी नहीं रुकता। कुछ लोग बाहर जाते हैं और कहते हैं कि इस देश में माइक बंद है..हाँ एक समय था जब XZ इमरजेंसी में माइक बंद हो जाता था। उन्होंने कहा, कुछ लोगों ने भारत की छवि खराब करने का फैसला किया है, उन्होंने निराश करने का फैसला किया है। कोई बाहर जाकर कहता है कि माइक बंद है। आप इसे कैसे सहन कर सकते हैं? देश के अंदर या बाहर जो भी ऐसा कहता है वह देश का अपमान है। अगर मैं इस मुद्दे पर चुप रहता हूं, तो मैं संविधान के गलत पक्ष में रहूंगा।
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धनखड़ ने यह भी कहा, मैं राजनीति में पक्षपातपूर्ण रुख में शामिल नहीं हूं और न ही मैं कोई हितधारक हूं। लेकिन मैं संवैधानिक कर्तव्य में विश्वास करता हूं। अगर मैं चुप रहा तो इस देश के लोकतंत्र में आस्था रखने वाले ज्यादातर लोग हमेशा के लिए चुप ही रहेंगे। उन्होंने 1975 में देश में लगे आपातकाल का जिक्र करते हुए कहा, हां देश में आपातकाल के दौरान संकट आया था। माइक भी बंद कर दिया गया और राष्ट्र भावना से प्रेरित लोगों को जेल में डाल दिया गया। वह दिन अब शायद कभी न आए।
उन्होंने ने लोगों से आह्वान करते हुए कहा कि ऐसे अवसर पर मैं आपसे आग्रह करूंगा कि जोड़कर अपने विचार खुले रखें। बेझिझक अपने मन की बात कहें। यह आप की जिम्मेदारी है। यदि आप चाहते हैं कि संसद के भीतर उचित बहस हो, कोई बाधा उत्पन्न न हो, यह आपकी जिम्मेदारी है। जब आप इन मामलों में हस्तक्षेप करते हैं। यदि आप उन्हें प्रोत्साहित नहीं करते हैं, तो निश्चित रूप से हर कोई रास्ते में आ जाएगा।
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