लखनऊः धीरे-धीरे गर्मी बढ़ने लगी है, ऐसे में पौधों को बचा पाना मशक्कत भरा होगा। खुद नर्सरी संचालक परेशान हैं कि यदि तापमान 40 डिग्री से ज्यादा हुआ, तो तमाम पौधे सूख जाएंगे। ऐसे में संचालक तमाम जरूरी उपाय करने में अभी से जुट गए हैं।
गर्मी का असर जैसे-जैसे बढ़ता जाएगा, टेरिस गार्डन में रखे गए पौधों पर मार पड़ने लगेगी। हालांकि, इनको सुरक्षित रखने के लिए कुछ जरूरी उपाय किए जा सकते हैं। सबसे जरूरी बात यह है कि पानी देने की तकनीकी में भी सुधार जरूरी है। लखनऊ नर्सरी, भोला नर्सरी, साईं नर्सरी को संचालकों ने ग्रीन काटन से पौधों को ढक दिया है। सिंचाई की उन्नत तकनीकी का भी इस्तेमाल किया जा रहा है।
संचालक बताते हैं कि कंपाउंड को ठंडा रखने की कोशिश की जा रही है। इससे कम से कम तापमान को काफी हद तक कम किया जा सकता है। इन दिनों तेज धूप के कारण गमले या ग्रो बैग का पानी आधा दिन में ही सूख जाता है। बड़ा नुकसान तो तब होता है, जबकि ग्रो बैग धूप के कारण गलने लगते हैं। गर्मी के कारण गमले या ग्रो बैग का पानी जल्दी सूखने के कारण लोग कई बार पानी देने लगते हैं। यह पौधों के सूखने का बड़ा कारण बन रहा है। वैज्ञानिक हमेशा से बताते रहे हैं कि पौधों को सुबह 09 बजे से पहले पानी दें।
ये भी पढ़ें..कोई भी देश तब महान होता है जब उसके नागरिक देशभक्त…
पौधों को दोपहर में पानी देना या फिर अधिक पानी देने से मिट्टी में बैक्टीरिया विकसित होने का खतरा रहता है। तेेज धूप के दौरान वाले मौसम में गमले में मल्चिंग क्रिया अपनाएं। यह ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें गमले या ग्रो बैग की मिट्टी के ऊपर घास, सूखी पत्तियां बिछा सकते हैं। खर-पतवार की मदद से मिट्टी में सीधे धूप नहीं पहुंचेगी। शेड नेट का इस्तेमाल जरूरी होता है। मई और जून के दौरान पौधों को ट्रांसप्लांट करने से पौधे सूख सकते हैं। पौधों को पत्तियों से पानी देने से भी वह सूख सकते हैं।
– शरद त्रिपाठी की रिपोर्ट
(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)