Arun Govil: उत्तर प्रदेश के मेरठ से सांसद और मशहूर टीवी कलाकार अरुण गोविल ने बुधवार को हापुड़ के गांव असौड़ा में पवित्र ग्रंथ रामायण का वितरण किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि हर घर में रामायण होनी चाहिए। सभी को इसे पढ़ना भी चाहिए। उन्होंने पांच साल में 11 लाख रामायण बांटने का संकल्प लिया है।
Arun Govil: 11 लाख रामायण बांटने का लिया संकल्प
सांसद अरुण गोविल ने हापुड़ के गांव असौड़ा से ‘घर-घर रामायण अभियान’ की शुरुआत की। उन्होंने अभियान के तहत 11 लाख रामायण बांटने का संकल्प लिया है। उन्होंने कहा कि यह एक दिन का अभियान नहीं है, बल्कि पांच साल में हम रामायण की 11 लाख प्रतियां बांटेंगे। रामजी इस संकल्प को जरूर पूरा करेंगे। यह अभियान पूरी तरह आध्यात्मिक है। इसमें राजनीति नहीं की जानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि जैसा कि इस अभियान का नाम ‘घर-घर रामायण’ है, यह हर घर में होनी चाहिए, सिर्फ वहां नहीं, बल्कि इसे पढ़ा जाना चाहिए। पढ़ने से हमें शिक्षा मिलती है। हमें पता चलता है कि पारिवारिक और सामाजिक रिश्ते कैसे होते हैं। मनुष्य को सभी के साथ मिलजुल कर जीवन जीना चाहिए। यह शिक्षा हमें रामायण से मिलती है।
Arun Govil: बदलेंगे लोगों की सोच
अरुण गोविल ने कहा कि जरूरी नहीं है कि परिवार एक छत के नीचे रहें, लेकिन उनकी सोच एक जैसी होनी चाहिए। आज समाज के विघटन को रोकने के लिए यह जरूरी है। अगर हम रामायण को देखें तो निषाद राज से भगवान का क्या रिश्ता था। कैसे उन्होंने शबरी के जूठे बेर खाए और कैसे वानरों के साथ व्यवहार किया। उनकी सेना में भालू भी थे। राम जी ने उनके साथ जिस तरह का व्यवहार किया, वह हमारे लिए प्रेरणादायी है और जीवन जीने की कला है।
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सांसद ने कहा कि रामायण सिर्फ धार्मिक ग्रंथ नहीं है, बल्कि सामाजिक जीवन का आधार है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य है कि रामायण हर घर में होनी चाहिए। सभी इसे पढ़ें और इससे सीखें। आने वाली पीढ़ी को बताएं कि हमें कैसे आगे बढ़ना है। हम जो करते हैं और सोचते हैं, उसका असर देश पर पड़ता है। देश को सशक्त और सक्षम बनाना है। पीएम मोदी के विजन के अनुसार हमें 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाना है।
Arun Govil 27 फरवरी को जाएंगे महाकुंभ
उन्होंने यह भी कहा कि महाकुंभ मेला आस्था का सबसे बड़ा यज्ञ है। इसमें सभी को जाना चाहिए। मैं 27 फरवरी को महाकुंभ में जाऊंगी। यह शुभ घड़ी 144 साल बाद आई है। हम सभी के जीवन में यह एकमात्र शुभ घड़ी है। इसका सदुपयोग होना चाहिए। संगम के पवित्र जल में सभी को डुबकी जरूर लगानी चाहिए।
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