तुर्किये में फंसे 10 भारतीय, एक लापता, संपर्क में जुटी सरकार

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Indian stranded in Turkey, one missing

नई दिल्लीः देश मंत्रालय के मुताबिक, तुर्की और सीरिया में आए भूकंप में 10 भारतीय दूरदराज के इलाकों में फंसे हैं लेकिन वे सुरक्षित हैं और एक भारतीय लापता है। सरकार लापता भारतीय के परिवार के सदस्यों के संपर्क में है।

विदेश मंत्रालय के पश्चिम सचिव संजय वर्मा ने बुधवार को आयोजित संवाददाता सम्मेलन में भूकंप प्रभावित सीरिया और तुर्की में भारत द्वारा चलाए जा रहे राहत एवं बचाव अभियान ‘ऑपरेशन दोस्त’ की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि भूकंप के बाद 75 भारतीयों के कॉल आए। मदद की गुहार लगाने वाले तीन भारतीयों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया गया है। उन्होंने बताया कि अदाना में कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है। लापता भारतीय तुर्की की व्यापारिक यात्रा पर गया था। हम बेंगलुरु में उनके परिवार और उनके नियोक्ता के संपर्क में हैं।

सचिव पश्चिम संजय वर्मा ने कहा कि 1939 की आपदा के बाद तुर्की में यह अब तक का सबसे भीषण भूकंप है। हमें तुर्की की ओर से मदद के ई-मेल प्राप्त हुए थे। मुलाकात के 12 घंटे के अंदर पहली फ्लाइट दिल्ली से तुर्की के लिए रवाना हुई। इसके बाद ऐसे ही 4 और विमान तुर्की के लिए रवाना हो गए हैं। इसमें से दो में एनडीआरएफ की टीम और दो में मेडिकल टीम थी। एक विमान को 6 टन चिकित्सा सामग्री के साथ सीरिया भेजा गया।

सीरिया पर अमेरिकी प्रतिबंधों से जुड़े सवाल पर संजय वर्मा ने कहा कि भारत ने सीरिया में 6 टन मेडिकल सामग्री भेजी है। ऐसे प्रतिबंध मानवीय सहायता पर लागू नहीं होते हैं। हम जी-20 में भारत द्वारा दिए गए ‘एक धरती, एक परिवार और एक भविष्य’ के मंत्र पर चल रहे हैं।

सचिव ने बताया कि भूकंप के बाद विदेश मंत्री ने सोमवार को सुबह बैठक की। इसके बाद प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पीके मिश्रा ने अंतर-मंत्रालयी बैठक की। इस बीच, भारत को तुर्की से मदद की पेशकश का एक ईमेल मिला। इसके बाद आगे की योजना को लेकर साउथ ब्लॉक में बैठक हुई। 12 घंटे के अंदर पहला विमान भारत से रवाना हुआ। उन्होंने बताया कि समन्वय के लिए तुर्की भाषी दो अधिकारियों को वहां तैनात किया गया है।

उन्होंने बताया कि तुर्की में 3000 भारतीय नागरिक हैं, जिनमें से 1800 इस्तांबुल में और 250 अंकारा के आसपास हैं। भारतीय इस त्रासदी में सुरक्षित हैं। एनडीआरएफ के डीजी अतुल करवाल ने बताया कि भारत मांग के मुताबिक मदद मुहैया करा रहा है। फिलहाल एनडीआरएफ की टीम सिर्फ तुर्की में है। उन्होंने बताया कि भारत और स्पेन की टीमें एक क्षेत्र में काम कर रही हैं।

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