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मायावती ने कहा- बहकावे में न आएं एससी-एसटी, सिर्फ वोट के जुगाड़ में नीतीश

लखनऊ: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले वोटबैंक को अपने पाले में करने को लेकर सियासत गरमा गई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के किसी भी अनुसूचित जाति जनजाति के व्यक्ति की हत्या होने पर उसके परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने के आदेश के बाद बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती ने कड़े तेवर अपनाए हैं। उन्होंने इसे वोट हासिल करने के जुगाड़ की साजिश बताते हुए अब तक ऐसा कदम नहीं उठाने पर सवाल खड़े किए हैं। साथ ही उन्होंने इस वर्ग से नीतीश सरकार के बहकावे में नहीं आने की अपील की है।

मायावती ने शनिवार को ट्वीट किया कि बिहार विधानसभा आमचुनाव के पहले वर्तमान सरकार एक बार फिर एससी-एसटी वर्ग के लोगों को अनेक प्रलोभन, आश्वासन आदि देकर उनके वोट के जुगाड़ में है। जबकि, अपने पूरे शासनकाल में इन्होंने इन वर्गों की घोर अनदेखी, उपेक्षा की और कुंभकरण की नींद सोते रहे, जिसके हिसाब-किताब का अब समय है। उन्होंने कहा कि अगर बिहार की वर्तमान सरकार को इन वर्गों के हितों की इतनी ही चिन्ता थी तो उनकी सरकार अब तक क्यों सोई रही? जबकि इनको इस मामले में उत्तर प्रदेश की बसपा सरकार से बहुत कुछ सीखना चाहिए था। अतः इन वर्गों से अनुरोध है कि वे नीतीश सरकार के बहकावे में कतई न आयें।

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उल्लेखनीय है कि बिहार की राजनीति में आंकड़ों के हिसाब से अनुसूचित जाति जनजाति वर्ग सत्ता तक पहुंचाने में निर्णायक भूमिका अदा करता है। राज्य में इस वर्ग के लगभग 16 प्रतिशत मतदाता हैं। ऐसे में नीतीश कुमार का यह कदम इस वर्ग को अपने पाले में करने की कोशिश के तहत देखा जा रहा है।