लखनऊः लोकसभा चुनाव-2024 की तैयारियों को लेकर बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने बुधवार को पार्टी कार्यालय में कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों के साथ बैठक की। बसपा सुप्रीमो मायावती ने कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों से कहा कि इस बार पार्टी अपने ईमानदार कार्यकर्ताओं के दम पर अकेले लोकसभा चुनाव लड़ेगी। इसलिए इस चुनाव में पूरे तन-मन से जुट जाएं। चुनाव के लिए पार्टी प्रत्याशी के चयन पर भी विशेष ध्यान रखना होगा। क्योंकि राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ आदि राज्यों में विधानसभा चुनाव के ठीक बाद लोकसभा चुनाव की घोषणा हो जाएगी।
मायावती ने कहा कि उत्तर प्रदेश में गठबंधन करने से बसपा को फायदे से ज्यादा नुकसान हुआ है। क्योंकि हमारी पार्टी का वोट स्पष्ट रूप से गठबंधन में शामिल दूसरी पार्टी को स्थानांतरित हो जाता है, जबकि अन्य पार्टियों के पास हमारे उम्मीदवार को अपना वोट स्थानांतरित करने की न तो सही मंशा है और न ही क्षमता है। इससे पार्टी के लोगों के मनोबल पर असर पड़ता है। उन्होंने कहा कि जहां तक चुनावी माहौल का सवाल है तो इस संबंध में हर तरफ से यही प्रतिक्रिया है कि भाजपा की सांप्रदायिक राजनीति और द्वेषपूर्ण गतिविधियों ने सभी का जीवन दुखी और परेशान कर दिया है। इससे भाजपा न केवल अपना प्रभाव खो रही है बल्कि अपना जनाधार भी खो रही है। यह सिलसिला आगे भी जारी रहने वाला है, जिससे खासकर उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव एकतरफा नहीं होंगे और देश की राजनीति में नया मोड़ लाने वाले और बेहद दिलचस्प साबित होंगे।
मायावती ने कहा कि कांग्रेस की तरह ही बीजेपी की कथनी और करनी में अंतर है। सीमित आय और रुपये के कारण गरीब और मेहनतकश लोगों के लिए अपने परिवार का ठीक से भरण-पोषण करना असंभव हो गया है। इस बात से कोई इनकार नहीं कर सकता कि इन सबका असर चुनाव पर पड़ता है। कुल मिलाकर सत्ताधारी दल और विपक्षी दलों का गठबंधन केंद्र की सत्ता में आने के लिए अपने-अपने दावे कर रहे हैं, जबकि जनता से किए गए उनके वादे खोखले साबित हुए हैं। उन्होंने कहा कि दोनों ने अपनी नीतियों और कार्यशैली के कारण देश के गरीबों, मजदूरों, दलितों, पिछड़ों और धार्मिक अल्पसंख्यक लोगों को आपस में बांटकर उनके कल्याण को अधिक नुकसान पहुंचाया है। बसपा समाज को एकजुट कर आगे बढ़ने का प्रयास करती है, जबकि अन्य विपक्षी दल समाज को कमजोर करने की संकीर्ण राजनीति करते हैं। इसलिए इनसे दूरी ही बेहतर है।
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बसपा प्रमुख ने प्रदेश पार्टी संगठन में कुछ जरूरी बदलाव की बात कही। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश राजनीतिक दृष्टि से एक महत्वपूर्ण राज्य है। यहां के राजनीतिक हालात बदलते रहते हैं। इसे देखते हुए अच्छे चुनाव नतीजे पाने के इरादे से पार्टी संगठन में लगातार कुछ न कुछ फेरबदल की जरूरत पड़ रही है। इसलिए जिसे भी जिम्मेदारी दी जाए उसे कम नहीं आंकना चाहिए बल्कि पार्टी हित को सर्वोपरि मानते हुए अपनी जिम्मेदारी को पूरी ईमानदारी और निष्ठा से निभाते रहना चाहिए। इस दौरान पार्टी कार्यालय में सतीश चंद्र मिश्रा और उनके भतीजे आकाश आनंद के अलावा पार्टी पदाधिकारी और कार्यकर्ता मौजूद रहे।
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