हमीरपुर में मौरंग माफियाओं का तांडव, प्रशासन नहीं ले रहा सुध

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हमीरपुरः जहां एक ओर सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ अवैध मौरंग खनन को लेकर सभी जिलों के आला अधिकारियों को दिशा निर्देश दे रहे हैं, कि अपने-अपने जिलों में अवैध मौरंग पर लगाम लगाई जाए। तो वहीं बुंदेलखंड के जनपद हमीरपुर जिले में इन आदेशों का कोई असर नही हो रहा है।

जिले में बेतवा नदी के किनारे संचालित बेरी, चंदवारी घुरौली और रिरुआ बसरिया में मौरंग खदानों में एनजीटी व सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का खुलकर उल्‍लंघन किया जा रहा है। यहां प्रतिबंधित भारी मशीनों से बेतवा नदी में मानक से कई गुना अधिक गहराई में मौरंग का खनन किए जाने से नदी की जलधारा भी अब टूटने लगी है। इतना ही नहीं मौरंग खदानों से निर्धारित क्षमता से कई गुना मौरंग ट्रकों व डंपरों में लोड की जा रही है। इससे सड़कें भी उखड़ने लगी हैं और साथ ही जो जनपद जालौन और हमीरपुर से जुड़ा हुआ पुल है उसकी भी इन ओवरलोड ट्रकों ने स्थिति खराब कर दी है।

मौरंग के अवैध खनन और परिवहन के खेल में माफियाओं के गुर्गे भी शामिल है जो खदानों से मौरंग के ओवरलोड ट्रक, डंपरों को पड़ोसी जिलों तक पास कराते हैं। मौरंग माफियाओ द्वारा किये जा रहे तांडव की कहानी यहां के ग्रामीण दबी जुबान में कहते नजर आते हैं, लेकिन प्रशासन के कानों तक उनकी आवाज नहीं पहुँच पा रही है। मौरंग माफियाओं की भारी बंदूकें और ऊंची पकड़ के आगे ग्रामीण तो परेशान हैं ही, लेकिन उनके यह कारनामे जिला प्रशासन की कार्यप्रणाली पर भी सवालिया निशान खड़े करती है।

रिपोर्ट- मयंक राजपूत, हमीरपुर, यूपी