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मौलाना खालिद ने केजरीवाल सरकार पर साधा निशाना, लगाया ये गंभीर आरोप

नई दिल्ली: नई दिल्ली यूनाइटेड मुस्लिम ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना खालिद गाजीपुरी ने दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि मुसलमानों के वोट की बदौलत सत्ता में आने वाली केजरीवाल सरकार मुसलमानों के प्रति पूरी तरह से उदासीन रवैया अपना रही है।

उनका कहना है कि दिल्ली सरकार से जुड़ी मुस्लिम संस्थानों का बुरा हाल है। दिल्ली वक्फ बोर्ड से जुड़े इमाम और मोअज्जिनों को पिछले 11 महीने से वेतन नहीं मिल रहा है। यही नहीं दिल्ली उर्दू अकादमी में 30 से अधिक कर्मचारियों के सेवानिवृत्त होने पर उनके स्थान पर नई नियुक्ति नहीं की गई है और कॉन्ट्रैक्ट पर कर्माचारियों को रखकर अकादमी को एक तरह से ठेके पर चलाया जा रहा है।

मौलाना खालिद ने कहा कि दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार सॉफ्ट हिंदुत्व के एजेंडे पर काम कर रही है। सरकार को 80 प्रतिशत बहुसंख्यक आबादी की तो फिक्र है मगर दिल्ली की सत्ता की बागडोर सौंपने वाले 20 प्रतिशत मुसलमानों की कोई फिक्र नहीं है। उन्होंने बताया कि दिल्ली वक्फ बोर्ड से जुड़े इमाम और मोअज्जिन अपने वेतन के लिए सड़कों पर उतर कर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं लेकिन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल उत्तर प्रदेश में चुनावी सभाओं को संबोधित करने और चुनाव प्रचार में व्यस्त हैं। उनकी पूरी सरकार इस वक्त दिल्ली से बाहर है। इमाम और मोअज्जिन पिछले 11 महीनों से वेतन नहीं मिलने की वजह से दयनीय स्थिति में जीवन यापन कर रहे हैं।

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उनका कहना है कि दिल्ली वक्फ बोर्ड के चेयरमैन अमानत उल्लाह खान भी हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं।उन्हें इमाम और मोअज्जिन की कोई फिक्र नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि दिल्ली वक्फ बोर्ड में इस वक्त भ्रष्टाचार चरम पर है। चेयरमैन अमानतउल्लाह खान के जरिए नियुक्त किए गए कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों के जरिए लूटपाट का बाजार गर्म कर रखा गया है। वक्फ संपत्तियों की किराएदारी के नाम पर कर्मचारियों के जरिए लूट खसूट की जा रही है और वेतन ना मिलने की वजह से अपना खर्चा यहीं से निकाला जा रहा है। मौलाना ने दिल्ली सरकार से तत्काल इमाम और मोअज्जिन का वेतन जारी किए जाने की मांग की है। इसके अलावा मौलाना ने दिल्ली सरकार से दिल्ली उर्दू अकादमी में 30 से अधिक खाली पड़े पदों पर कर्मचारियों की नियुक्ति नहीं किए जाने पर भी नाराजगी व्यक्त करते हुए खाली पदों पर तत्काल भर्ती किए जाने की मांग की है।

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