Monday, January 27, 2025
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12वीं के अंग्रेजी के पेपर लीक मामले का मास्टरमाइंड गिरफ्तार, बलिया के इस स्कूल में रची गयी थी साजिश

बलियाः माध्यमिक शिक्षा बोर्ड प्रयागराज की 30 मार्च को होने वाली इण्टरमीडिएट अंग्रेजी की परीक्षा का प्रश्न-पत्र लीक मामले की एक-एक परतें लगातार खुल रही हैं। पुलिस ने इसके मास्टरमाइंड निर्भय नारायण सिंह को भी गिरफ्तार कर लिया है। अब तक डीआईओएस बृजेश मिश्र समेत कुल 46 गिरफ्तारियां हो चुकी हैं। पुलिस के अनुसार अंग्रेजी का प्रश्नपत्र देवी स्मारक इण्टर काॅलेज किड़िहरापुर से लीक हुआ था। जिला पुलिस द्वारा रविवार को एक बयान जारी करते हुए बताया गया कि अब तक की विवेचना में ज्ञात हुआ है कि प्रबंधक महाराजी देवी स्मारक इण्टर काॅलेज किड़िहरापुर थाना भीमपुरा के प्रबंधक निर्भय नारायण सिंह और राजीव प्रजापति जिसकी कम्प्यूटर के कार्य से संबंधित दुकान है, के द्वारा महाराजी देवी स्मारक इण्टर काॅलेज में उपलब्ध कराए गए प्रश्न पत्रों के पैकेट से आपराधिक कृत्य करते हुए प्रश्न-पत्र निकाल कर सुभाष चन्द्र इण्टर काॅलेज ताड़ीबड़ा गांव थाना नगरा में अंग्रेजी विषय के टीचर अविनाश गौतम के साथ साल्व किया गया।

इसके बाद साल्व्ड काॅपी निर्भय नारायण सिंह को उपलब्ध करायी गयी। निर्भय नारायण सिंह द्वारा 25 से 30 हजार रुपये प्रति छात्र के हिसाब से तय कर इस सोल्युशन को मुलायम चौहान, मनीष चौहान व बृजेश चौहान के द्वारा उत्तर पुस्तिकाओं पर लिखवाया गया। पुलिस के अनुसार निर्भय नारायण सिंह द्वारा आर्थिक लाभ के लिए इस हल प्रश्न-पत्र अन्य लोगों को भी दिया गया। बल्कि राजीव प्रजापति द्वारा प्रश्नपत्र उनके मोबाइल के पीडीएफ स्कैनर एप से स्कैन कर सोशल मीडिया प्लेटफार्म के माध्यम से अन्य लोगों को बेचे जाने बात कबूल की गई हैं। यह इनके पास से बरामद इनके मोबाइल फोन में भी उपलब्ध है। प्रश्न-पत्र खरीदने वाले कई लोगों द्वारा उसे अन्य लोगों को बेचे जाने की बात स्वीकार की गयी है। इस बात की पुष्टि इनके बैंक एकाउण्ट का पेटीएम ट्रांजैक्शन के स्क्रीनशॉट जो इनके मोबाइल में पाये गये हैं, से भी हुई है जबकि अन्य की जांच की जा रही है।

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पुलिस के लिए पहेली था अंग्रेजी पेपर लीक मामला
पुलिस की मानें तो यह बलिया पुलिस के लिए बहुत चुनौतीपूर्वक था, क्योंकि प्रश्न-पत्र व सॉल्युशन का आदान-प्रदान सोशल मीडिया प्लेटफार्म द्वारा किया गया। जिसे ट्रैक करने के लिए वन-टू-वन मार्किंग करनी पड़ी, पूरी प्रक्रिया में कुल सात टीमों का गठन किया गया था। इस मामले में अब तक चार प्रबन्धक, तीन प्रधानाचार्य, दस शिक्षक, पांच प्राइवेट कोचिंग शिक्षक के साथ तीन विद्यालय क्लर्क व अन्य शामिल हैं। इस मामले में अभी विवेचनात्मक कार्रवाई चल रही है।

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