New Delhi : देश में कुशल लोगों की मांग तेजी से बढ़ रही है। इसे देखते हुए शुक्रवार को राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी), आईआईटी रोपड़ और मसाई स्कूल द्वारा संयुक्त रूप से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और मशीन लर्निंग (एमएल) में एक लघु प्रमाणित कार्यक्रम शुरू किया गया है।
शामिल हैं कई प्रोजेक्ट
इस कार्यक्रम में सात मॉड्यूल हैं, जिनमें प्रॉम्प्ट इंजीनियरिंग के बुनियादी सिद्धांत, मशीन लर्निंग का परिचय, डेटा हैंडलिंग और प्रोसेसिंग, न्यूरल नेटवर्क और डीप लर्निंग, प्राकृतिक भाषा प्रसंस्करण (एनएलपी), बड़े भाषा मॉडल और कैपस्टोन प्रोजेक्ट आदि शामिल हैं।
कौशल विकास और उद्यम मंत्रालय के सचिव अतुल कुमार तिवारी ने कहा कि पाठ्यक्रम में AI को शामिल करने से छात्रों को प्रौद्योगिकी की बेहतर समझ मिलेगी। ऐसे में उन्हें नौकरी पाने में फायदा मिलेगा।
आगे कहा कि हम भविष्य की चुनौतियों का सामना करने और वैश्विक क्षेत्र में अपने देश की प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त सुनिश्चित करने के लिए कार्यबल को तैयार कर रहे हैं। वर्तमान में, AI और एमएल में क्रेडिट लिंक्ड माइक्रो-स्पेशलाइजेशन की भारत में काफी मांग है और यह उच्च भुगतान वाली नौकरी है।
आईआईटी रोपड़ के निदेशक राजीव आहूजा ने कहा कि AI और एमएल में लघु कार्यक्रम छात्रों को व्यावहारिक अनुप्रयोग के साथ शिक्षाविदों का मिश्रण करके समग्र शैक्षिक अनुभव प्रदान करने के हमारे समर्पण का प्रतीक है। एचआर टेक प्लेटफॉर्म गैटवर्क ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि जयपुर, ग्वालियर, हरिद्वार, जोधपुर और आगरा जैसे शहरों में AI नौकरियां तेजी से बढ़ रही हैं।
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भारत में AI बाजार 31.5 प्रतिशत प्रति वर्ष की दर से बढ़ रहा है और 2027 तक 5.1 बिलियन डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है। मसाई स्कूल के सीईओ और सह-संस्थापक प्रतीक शुक्ला ने कहा कि हम न केवल शिक्षा में बदलाव कर रहे हैं बल्कि कौशल का एक नया पैमाना भी बना रहे हैं। इससे विश्व स्तर पर अच्छी प्रतिभाओं का एक समूह तैयार होगा।
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