प्रमाणिक बीज के लिए बाजार हैं तैयार, केंद्र सरकार देगी आर्थिक मदद

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लखनऊः किसानों को अब बाजार की मुश्किलों का सामना नहीं करना पड़ेगा। जो किसान खेती में तरक्की चाहते हैं, उनके लिए सरकार प्रमाणिक बीज भी उपलब्ध कराने जा रही है। इसके लिए केंद्र सरकार ने भी आर्थिक मदद देने की हामी भर दी है।

यह जानकारी खुद कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही (Surya Pratap Shahi) ने मीडिया को दी है। उन्होंने बताया कि नलकूपों के लिए योजना चल रही है। समय अनुसार इनका वितरण किया जा रहा है। बाजार में हर साल गारंटी वाले बीजों की बिक्री होती रहती है। इससे किसानों को बड़ा नुकसान उठाना पड़ता है। किसान जो भी लक्ष्य बनाते हैं, उसे वह पूरा नहीं कर पाते हैं। इसका सबसे बड़ा कारण यही रहता है कि खेतों में फसलें लहलहा नहीं पाती हैं। इसके साथ ही जिस गति से उत्पादन होना चाहिए, वह नहीं हो पाता है। यह गड़बड़ी बीज बिक्री केंद्र से भी होती रही है। दुकानों से मिलने वाले बीज की भी कोई गारंटी नहीं रहती है। शोधित और हाईब्रिड बताकर बीज बेचने वाले दुकानदार प्रमाणित बीज का कोई नमूना नहीं दे पाते हैं। इसका असर सीधे सरकारी वादे पर पड़ रहा है।

किसानों को मिलेंगे तोरिया के 40 हजार मिनीकिट

प्रदेश सरकार के किसानों की आय बढ़ाने वाले वादे के कई साल बीत चुके हैं, इसे अब किसी भी कीमत पर कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही पूरा ही करना चाहते हैं इसीलिए उन्होंने सरकारी योजनाओं को सख्ती से सफल करने के लिए अधिकारियों को अलग-अलग जिम्मेदारी दी है। नलकूप, रबी की फसल के बीज तथा तोरिया के बीजों के किट वितरण के लिए कई नाम दिए हैं। इनमें आने वाली फसलों के लिए अब बीज विकास निगम के प्रबन्ध निदेशक खुद जिम्मेदारी संभालने जा रहे हैं। यही नहीं, करीब 40 हजार तोरिया के मिनीकिट भी किसानों तक पहुंचाए जाएंगे। यह जिम्मेदारी नंबर दो के अधिकारी संभालेंगे।

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किसानों को शोधित बीज देने की तैयारी

विभाग की ओर से रबी में कुल 6,86,382 क्विंटल बीजों की व्यवस्था की जाएगी। इनको समय पर किसानों तक पहुंचाना होगा जबकि सितंबर में ही नए कृषि यंत्रों के चयन के लिए पोर्टल के जरिए विकास खण्डवार लक्ष्य निर्धारित किए जा रहे हैं। इसमें वर्ष 2023-24 में 30,000 सोलर पंप का लक्ष्य है। निदेशालय की ओर से बताया गया कि इस बार बोई जाने वाली फसलों के लिए प्रमाणित बीज वितरण की योजना के लिए 4650.00 लाख रुपए का बंदोबस्त किया गया है। इससे किसानों को शोधित बीज ही दिए जाएंगे। आधारिक बीज खाद्यान्न, दलहन एवं तिलहन के बीजों के लिए करीब 18,250 लाख रूपए खर्च किए जाएंगे। प्रदेश के किसानों की तरक्की के लिए पूर्व में सुझाए गए उपायों पर अब गेहूं बुवाई से पहले ही पूरी तैयारियां कर ली जाएंगी।

उत्पादन बढ़ने पर कृषि मंत्री ने जताई खुशी

कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही (Surya Pratap Shahi) ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चाहते हैं कि किसान आत्मनिर्भर बनें। इसके लिए धन की कमी नहीं होने दी जाएगी। उन्होंने खुशी जताई कि उत्पादन बढ़ रहा है। खरीफ की फसल में विभिन्न फसलों के अन्तर्गत कुल 95.67 लाख हेक्टेयर आच्छादन पूरा हुआ है। यह पिछले सालों के मुकाबले ज्यादा है। आने वाले दिनों में और सुधार के प्रयास किए जा रहे हैं। प्रदेश में अब नई सोलर कम्पनियों के सर्विस सेंटर भी खोले जा रहे हैं। पूर्व में दिए गए पंप में किसी प्रकार की खामी आने पर उनकी मरम्मत आसान रहे, इसके लिए 14 सितंबर तक सर्विस सेन्टर खोलने के लिए कहा गया है।

– शरद त्रिपाठी की रिपोर्ट

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