माओवादियों का टॉप लीडर चढ़ा पुलिस के हत्थे, कई राज्यों में दर्ज हैं मुकदमे

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रांची: सीपीआई माओवादी संगठन के पोलित ब्यूरो सदस्य और शीर्ष नेताओं में से एक प्रमोद मिश्रा (Pramod Mishra) को गिरफ्तार कर लिया गया है। उस पर झारखंड, बिहार, छत्तीसगढ़ और आंध्र प्रदेश में नक्सली घटनाओं के दर्जनों मामले दर्ज हैं।

दिल्ली, पंजाब, हरियाणा समेत कई राज्यों में नक्सली संगठनों के विस्तार में उसकी अहम भूमिका रही है। उसने झारखंड-बिहार सीमा पर गया जिले में किसी ठिकाने पर शरण ले रखी थी। कुछ महीने पहले तक वह झारखंड के सारंडा इलाके में सक्रिय था। बिहार के गया जिले की पुलिस ने उसे उसके एक साथी अनिल यादव के साथ पकड़ लिया। हालांकि, अभी तक गिरफ्तारी की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।

दो साल जेल में था प्रमोद

प्रमोद मिश्रा (Pramod Mishra) की गिनती देशस्तर पर माओवादी संगठन के मास्टरमाइंड और मुख्य रणनीतिकार के रूप में की जाती है। वह वर्षों तक जेल में रहा और सबूतों के अभाव में 2017 में रिहा होने के बाद भूमिगत हो गया। प्रमोद मिश्रा का नाम साल 2006 में यूनाइटेड स्टेट्स डिपार्टमेंट की कंट्री रिपोर्ट्स ऑन टेररिज्म में भी आया था। वह मूल रूप से बिहार के औरंगाबाद जिले के रफीगंज थाने के कसमा गांव का रहने वाला है।

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एक परिवार के चार लोगों की हत्या

प्रमोद मिश्रा (Pramod Mishra) को इससे पहले झारखंड पुलिस की एसटीएफ ने 14 मार्च 2009 को धनबाद के विनोद नगर से गिरफ्तार किया था। वहां उसने अपने रिश्तेदार के यहां शरण ले रखी थी। सबूतों के अभाव में 2017 में जेल से छूटने के बाद वह एक बार फिर नक्सली गतिविधियों में सक्रिय हो गया। दो साल पहले गया में मुखबिरी के आरोप में एक ही परिवार के चार सदस्यों को नक्सलियों ने फांसी पर लटका दिया था। कहा जाता है कि उन्होंने ही उन्हें फाँसी देने का आदेश दिया था।

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