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'सिर्फ एक बंदा काफी है'...मनोज बाजपेयी की फिल्म पर रोक लगाने वाली याचिका खारिज

manoj-bajpayee जयपुरः राजस्थान हाईकोर्ट ने जेल में बंद बाबा आसाराम बापू की उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें मनोज बाजपेयी अभिनीत फिल्म 'सिर्फ एक बंदा काफी है' को सिनेमाघरों और ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज करने पर रोक लगाने की मांग की गई थी। जेल में बंद आसाराम ने ओम प्रकाश लखानी के साथ पहले जी5 स्टूडियो द्वारा निर्मित और निर्देशित फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने की मांग की थी। याचिका में आरोप लगाया गया है कि यह उनकी अनुमति के बिना उनके जीवन पर आधारित है और उन्हें नकारात्मक तरीके से दिखाया गया है। ये भी पढ़ें..Diwali Holiday in America: पूरे अमेरिका में धूमधाम से मनाई जाएगी दिवाली, संसद में विधेयक पेश याचिका खारिज करते हुए जस्टिस पुष्पेंद्र सिंह भाटी ने कहा, 'फिल्म का ट्रेलर देखने के बाद साफ तौर पर कहा जा सकता है कि याचिकाकर्ता नंबर 2 का इससे कोई लेना-देना नहीं है। इसलिए, याचिकाकर्ता इस फिल्म के संबंध में किसी भी अंतरिम निषेधाज्ञा आदेश को पारित करने के लिए इस न्यायालय को राजी करने के लिए प्रथम दृष्टया ऐसा करने में सक्षम नहीं हैं। जस्टिस ने आगे कहा कि फिल्म की रिलीज पर रोक नहीं लगाई जा सकती, क्योंकि फिल्म पहले ही रिलीज हो चुकी है और चूंकि याचिकाकर्ताओं ने समय पर अपना केस फाइल नहीं किया है। स्टे देने से फिल्म के निमार्ताओं को भारी आर्थिक नुकसान होगा। शुक्रवार को सुनवाई के दौरान, याचिकाकर्ता के वकील ने तर्क दिया कि फिल्म द्वारा आसाराम की प्रतिष्ठा और उनके गोपनीयता अधिकारों का उल्लंघन किया गया है, क्योंकि यह कथित तौर पर उन्हें रावण नामक एक खलनायक चरित्र के रूप में चित्रित करता है जिसने जघन्य अपराध किए हैं। दूसरी ओर, प्रतिवादियों के वकील ने प्रस्तुत किया कि फिल्म के शुरुआती हिस्से में एक स्पष्ट अस्वीकरण है कि यह वास्तविक जीवन की घटनाओं से प्रेरित कथा है। (अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)