शिमलाः चंबा जिले के सलोनी उपमंडल की अति भंडाल पंचायत निवासी हिंदू दलित युवक मनोहर लाल की जघन्य हत्या को लेकर हंगामा मच गया है। इस मुद्दे पर मुख्य विपक्षी दल बीजेपी के नेता सड़कों पर उतर कर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने आरोपियों के आतंकवादियों से संबंध होने का दावा करते हुए मामले की एनआईए जांच की मांग की है।
दरअसल, मनोहर लाल का शव एक बोरे में कई टुकड़ों में बरामद किया गया है। उनकी हत्या का आरोप एक समुदाय विशेष के परिवार पर है। इस मामले में पुलिस ने आरोपी परिवार के पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि आरोपियों के तार आतंकियों से जुड़े हैं, इसलिए मामले की एनआईए जांच होनी चाहिए। पूर्व मुख्यमंत्री ठाकुर ने यह भी खुलासा किया है कि वर्ष 1998 में जब जम्मू-कश्मीर के आतंकवादियों ने चंबा के एक गांव में 35 लोगों की हत्या की थी, उस मामले में भी आरोपी को जांच में शामिल किया गया था। आरोपी ने सारे सबूत मिटाने की कोशिश की थी। नेता प्रतिपक्ष की एनआईए जांच की मांग को लेकर खुफिया एजेंसियां भी सतर्क हैं।
गौरतलब है कि गुरुवार की शाम मनोहर की हत्या के आरोपी परिवार के दो घरों में भीड़ ने आग लगा दी थी, ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि सबूत मिटाने के मकसद से इस आगजनी को अंजाम दिया गया हो। अगर जांच एजेंसियां आतंकी एंगल से जांच को आगे बढ़ाएंगी तो आरोपियों के दोनों घर तबाह होने से एजेंसियों को निराशा ही हाथ लगेगी। हालांकि पुलिस ने घरों में आग लगाने के आरोप में दस लोगों को हिरासत में लिया है।
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बीजेपी द्वारा इस घटना को आतंकियों से जोड़ने के सवाल पर राज्य के एडीजीपी कानून व्यवस्था अभिषेक त्रिवेदी का कहना है कि यह जांच का विषय है और हत्यारों के पिछले आपराधिक रिकॉर्ड भी खंगाले जा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि मनोहर लाल छह जून से लापता था। नौ जून को उसका मल नाले में बोरे से बरामद किया गया था। शव को 7-8 पी में काटा गया था। पुलिस ने हत्याकांड में संलिप्त परिवार के पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है। यह सभी लोग एक विशेष समुदाय के हैं।
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