खाकी के ‘खौफ’ में जी रहा मनीष का परिवार, पुलिसिया साजिश में बर्बाद हुई जिंदगी

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लखनऊः राजधानी पुलिस एक युवक और उसके दो मासूम बच्चों की जान की दुश्मन बनी हुई है। युवक को अपनी जान का खतरा किसी गुंडे-मवाली से नहीं, बल्कि सबको सुरक्षा देने वाले पुलिस विभाग के अंदर छिपे अपराधी प्रवृत्ति के पुलिस अधिकारियों से हैं। मनीष मिश्रा की आप बीती यह बताने के लिए काफी है कि अगर पुलिस किसी को अपना दुश्मन मान ले तो कैसे उसकी जिंदगी बर्बाद कर नर्क बना सकती है।

पूर्व आईजी के बेटे ने रची साजिश

मड़ियांव के रामलीला मैदान निवासी मनीष मिश्रा ने बताया कि सितम्बर 2012 को उन्होंने पूर्व आईजी के बेटे संतोष से सीतापुर रोड पर रेस्टोरेंट चलाने के लिए 12 हजार रूपये प्रति माह एक दुकान किराए पर ली थी। जहां पर मनीष मिश्रा अपने एक सहयोगी दिव्यांग इरफान उर्फ राजू की मदद से रेंटोरेंट चलाने लगे। जब रेस्टोरेंट अच्छा खासा चलने लगा तो एक दिन संतोष ने मनीष से दुकान खाली करने की बात कही और कहा कि उसे दुकान बेचनी है। मनीष का रेस्टोरेंट अच्छा चल रहा था, इसलिए उसने संतोष से खुद दुकान खरीदने की बात कही। दोनों के बीच सौदा 30 लाख में तय हो गया। कुछ महीनों में मनीष ने संतोष को करीब 22 लाख रूपये दे दिए और बाकी का 8 लेकर दुकान की रजिस्ट्री करने को कहा, लेकिन अंत में पता चला कि दुकान का मालिक संतोष नहीं बल्कि उसका चाचा है। अब दुकान के नाम पर दी गई 22 लाख की धनराशि वापस मांगने पर संतोष अपने साथियों के साथ मनीष मिश्रा को धमकाने लगा। आरोप है कि पूर्व आईजी के बेटे ने अपने पिता की पहुंच का इस्तेमाल कर गल्ला मंडी चौकी प्रभारी रहे नैपाल सिंह से मनीष को धमकी दिलवाई।

पुलिस चौकी बुलवाकर किया गिरफ्तार

मनीष ने बताया कि 15 जुलाई 2018 की सुबह करीब 7 बजे वह नौकर इरफान के साथ सब्जी मंडी से सब्जी लेकर रेस्टोरेंट पहुंचे। उसी समय दो बाइक पर चार पुलिस वाले रेस्टोरेंट आए और मनीष और इरफान को चौकी ले जाने लगे। चौकी पहुंचने पर चौकी इंचार्ज नैपाल सिंह ने दोनों को खूब टार्चर किया। काफी मारपीट करने के बाद नैपाल सिंह दोनों को लेकर अलीगंज थाने लेकर आया और उनके पास से दो अवैध असलहे बरामद दिखा एटीएम की लूट की योजना बनाने के जुर्म में पकड़ा दिखाया। इतना ही नहीं नैपाल सिंह ने कहानी बनाते हुए मुकदमा पंजीकृत किया कि पकड़ते समय आरोपितों ने पुलिस टीम पर फायर कर दिया। उन्होंने ऐसा तब किया जबकि इरफान पैरों से लाचार है और ठीक से चल भी नहीं सकता। पुलिस ने मनीष और इरफान पर क्षेत्र में हुई एक और चोरी का भी फर्जी मुकदमा दर्ज कर दिया। जिसकी वजह से 4 माह बाद दोनों जमानत कराकर वापस आए।

पुलिसिया आतंक की कहानी यही नहीं रूकी

एटीएम व चोरी के आरोप में चार माह जेल में गुजारने के बाद वापस आए मनीष और इरफान को दुबारा गिरफ्तार कर गैंगस्टर एक्ट की कार्रवाई करते हुए जेल भेज दिया गया। मनीष ने बताया कि दोबारा जेल से छूटने के बाद पुलिस ने एक महिला को आगे कर उससे शादी का झांसा देकर यौन शोषण समेत रूपये और जेवर हड़पने के तहत फर्जी मामला बना एफआईआर दर्ज करवा दी। हालांकि जब महिला को इसकी जानकारी हुई तो महिला ने पूर्व डीसीपी उत्तरी शालिनी सिंह को बयान दिया कि पुलिस वालों ने जबरन उसे ऐसा करने को कहा था। उसने सिर्फ सादे कागज पर साइन किए थे। उसके बाद मनीष के ऊपर लगा यह फर्जी मुकदमा बंद हुआ।

ताला तोड़ बेच डाला लाखों का सामान

मनीष के मुताबिक, पूर्व आईजी के बेटे संतोष और अरविंद ने उसके रेस्टोरेंट का ताला तोड़कर दुकान पर पुलिस की मदद से कब्जा कर लिया था। इतना ही नहीं रेस्टोरेंट के अंदर रखा फ्रिज, एसी, बर्तन समेत महंगे फर्नीचर जिसकी कीमत लाखों में थी, सब बेंच डाला। मामला पूर्व कमिश्नर सुजीत पांडेय के संज्ञान में आने के बाद आरोपित संतोष और अरविंद व अन्य के विरूद्ध 17 जून 2020 को अलीगंज थाने में रिपोर्ट दर्ज कर आरोपितों की निशानदेही पर पुलिस ने सामान भी बरामद किया था।

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सीबीसीआईडी की जांच से खुली पोल

अलीगंज थाने व गल्ला मंडी चौकी में रची गई साजिश का खुलासा सीबीसीआईडी ने कर दिया है। सीबीसीआईडी के इंस्पेक्टर आजाद सिंह केसरी की तहरीर पर गुरूवार 1 अप्रैल को अलीगंज थाने में दरोगा नैपाल सिंह व वीरभान सिंह, कास्टेबल पंकज राय और मिथलेश गिरी के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो चुकी है। मनीष ने बताया कि पूर्व आईजी के बेटे संतोष और अरविंद ने साजिश रचकर उसकी जिंदगी बर्बाद की, लेकिन एफआईआर में उनका नाम नहीं है। और न ही एफआईआर दर्ज होने के बाद उन पुलिसवालों को गिरफ्तार किया गया।

  • मेरी पत्नी साधना मिश्रा का एक्सीडेंट संदिग्ध परिस्थितियों में हुआ और पुलिस वाले घर आकर कई बार मुझे धमकी दे चुके हैं। मुझे अपनी और अपने बेटों की जान की चिंता सता रही है। पुलिस वालों से हाथ जोड़कर विनती है मुझे और मेरे मासूम बेटों की जान बख्श दो।
    मनीष मिश्रा, पीड़ित
  • मैंने मनीष को मौका-ए-वारदात (एटीएम) से गिरफ्तार किया था। जिसके सबूत फोटो और वीडियो के रूप में बैंक ने विवेचना में दिए भी थे। बहुत जल्द सच सबके सामने आ जाएगा। हमें कानून पर पूरा भरोसा है।
    नेपाल सिंह, तत्कालीन चौकी इंचार्ज गल्ला मंडी, अलीगंज थाना

जिम्मेदारों की सुनिए

  • अलीगंज थाने में मुकदमा लिखा गया है, अब वही थाना इसकी विवेचना करेगा। विवेचना में जो निकल कर आएगा, उसी अनुसार कार्रवाई की जाएगी।
    रईस अख्तर, डीसीपी, नार्थ
  • चारों पुलिसवालों के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत हो चुका है। अब आगे की कार्रवाई के लिए विवेचना की जा रही है।
    अखिलेश सिंह, एसीपी, नार्थ