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Manish Sisodia case: सुप्रीम कोर्ट सोमवार को सुनाएगा अपना फैसला

manish-sisodia-case-supreme-court-will-give-its-decision नई दिल्लीः आबकारी नीति घोटाला मामले में दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 30 अक्टूबर (सोमवार) को अपना फैसला सुनाएगा। कोर्ट ने 17 अक्टूबर को फैसला सुरक्षित रख लिया था। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने एएसजी एसवी राजू से पूछा था कि मामले की प्रगति क्या है। कोर्ट ने पूछा था कि इस मामले में करीब 20 से 30 हजार दस्तावेज हैं। इस मामले में 290 से ज्यादा गवाह हैं, ट्रायल कैसे पूरा होगा ? तब राजू ने कहा कि मुकदमा नौ से 12 महीने में पूरा हो जाएगा और अगर कोर्ट चाहे तो छह महीने में देख सकता है कि मुकदमे में कितनी प्रगति हुई है। जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा था कि आम तौर पर हम जमानत के मामलों में इतनी लंबी सुनवाई नहीं करते हैं।

दो मिनट की जिरह में खत्म होगा मामला

16 अक्टूबर को ईडी ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि हम आम आदमी पार्टी को आरोपी बनाने पर विचार कर रहे हैं। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने ईडी से पूछा था कि मनीष सिसोदिया के खिलाफ आरोप तय करने पर अब तक बहस क्यों शुरू नहीं हुई। आप किसी को इस तरह जेल में नहीं रख सकते। पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने ईडी पर बड़े सवाल उठाए थे और पूछा था कि वह सरकारी गवाह के बयान पर कैसे भरोसा करेगी। क्या यह कथन कानून में स्वीकार्य होगा? क्या ऐसा कहीं नहीं सुना गया? कोर्ट ने कहा था कि सब कुछ सबूतों पर आधारित होना चाहिए नहीं तो जिरह में दो मिनट में मामला खत्म हो जाएगा।

नहीं मिला मनी लॉन्ड्रिंग का पैसा

गौरतलब है कि 4 अक्टूबर को सुनवाई के दौरान जस्टिस संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली बेंच ने पूछा था कि कथित तौर पर फायदा पहुंचाने वाले राजनीतिक दल को आरोपी क्यों नहीं बनाया गया। सुनवाई के दौरान सिंघवी ने कहा था कि मामले के सभी आरोपियों को जमानत मिल चुकी है, लेकिन हाई टारगेट लोगों को अभी तक जमानत नहीं मिली है। सिंघवी ने कहा था कि मामले में 50 हजार से ज्यादा दस्तावेज और पांच सौ से ज्यादा गवाह हैं। उन्होंने कहा था कि सिसोदिया के पास से मनी लॉन्ड्रिंग का एक पैसा भी नहीं पकड़ा गया है। सरकारी गवाहों के बयान में सिसोदिया का लिंक नहीं मिला है। सिंघवी ने कहा था कि सारे आरोप विजय नायर पर आकर रुकते हैं और विजय नायर पर सिसोदिया का करीबी होने का आरोप है। यह भी पढ़ेंः-यूपी न केवल यूनिकॉर्न बल्कि यूनिकॉर्न का भी बन रहा केंद्र, पढ़ें पूरी खबर

ईडी ने किया था जमानत का विरोध

सीबीआई ने सिसोदिया की जमानत याचिका का विरोध किया है। सुप्रीम कोर्ट में दाखिल जवाबी हलफनामे में सीबीआई ने सिसोदिया की जमानत का विरोध करते हुए कहा है कि सिसोदिया के खिलाफ भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैं। ऐसे मामलों में जमानत के लिए निर्धारित ट्रिपल टेस्ट पर भी सिसोदिया खरे नहीं उतरते। 14 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने सिसोदिया की जमानत याचिका पर सीबीआई और ईडी को नोटिस जारी किया था। सिसोदिया की ओर से पेश वरिष्ठ वकील सिंघवी ने दलील दी थी कि सिसोदिया की पत्नी की हालत वाकई खराब है। उनके शरीर का 50 फीसदी हिस्सा विकलांग हो गया है। सुनवाई के दौरान ईडी ने सिसोदिया की जमानत याचिका का विरोध किया था। (अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)