इंफाल: मणिपुर हिंसा (Manipur violence) खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। इस हिंसा में अब तक 107 लोगों की मौत हो चुकी है। इसी बीच इंफाल शहर में स्थित केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री आरके रंजन सिंह के घर में भीड़ ने तोड़फोड़ की और आग लगा दी। अधिकारियों ने इसकी जानकारी दी है। हमले की जानकारी मिलने के बाद कोच्चि में आज होने वाले उनके सभी कार्यक्रम रद्द कर दिए गए हैं।
केरल के दौरे पर आए सिंह ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि उनके घर को भीड़ ने जला दिया और यह कोई सांप्रदायिक मुद्दा नहीं था। उन्होंने कहा कि मेरा ही घर जल गया है। यह मेरी मेहनत की कमाई से बना है। मैं भ्रष्ट नहीं हूं इस शासन में कोई भी भ्रष्ट नहीं है। अगर यह कुछ धार्मिक था, तो मैं एक हिंदू हूं। हमलावर हिंदू थे। तो यह धार्मिक नहीं है। यह एक भीड़ है।
शांति लाने के लिए होगी हर संभव कोशिश
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वह 3 मई को मणिपुर में जातीय संघर्ष शुरू होने के बाद से शांति लाने और हिंसा को रोकने की कोशिश कर रहे हैं। पूर्वोत्तर राज्य में हुई झड़प सांप्रदायिक नहीं बल्कि दो समुदायों के बीच गलतफहमी थी। मंत्री सिंह ने कहा कि सरकार ने शांति समिति का गठन किया है, प्रक्रिया जारी है। सिविल सोसाइटी के नेता एक साथ बैठे हैं।
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घटना के बाद भाजपा नेता आरके रंजन सिंह ने केरल में अपने सभी पार्टी कार्यक्रम रद्द कर दिए और घटना के बाद अपने गृह राज्य मणिपुर के लिए रवाना हो गए। इस बीच, अधिकारियों ने दावा किया कि सुरक्षा गार्डों और अग्निशमन दल ने गुरुवार रात आग लगाने की भीड़ की कोशिश को नाकाम कर दिया।
भीड़ को कंट्रोल करने के लिए दागने पड़े गोले
उल्लेखनीय है कि इंफाल शहर में गुरुवार दोपहर भीड़ ने दो घरों में आग लगा दी थी। यह घटना मणिपुर की रैपिड एक्शन फोर्स और भीड़ के बीच झड़प के बाद हुई। इंफाल पूर्वी जिले में शुक्रवार तड़के तक गोलियों की आवाज सुनी गई। नागरिकों की मौत का विरोध कर रहे स्थानीय लोगों को तितर-बितर करने के लिए कई राउंड आंसू गैस के गोले दागे गए।
11 जिलों में कर्फ्यू होने के बाद भी हिंसा
मणिपुर में मैतेई और कुकी समुदायों के बीच शुरू हुआ खूनी संघर्ष थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस जातीय हिंसा में अब तक सौ से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। प्रशासन ने अफवाहों को रोकने के लिए राज्य के 11 जिलों में कर्फ्यू लगा दिया है और 20 जून तक इंटरनेट सेवा बंद कर दी है। दरअसल, मेइती समुदाय को अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने को लेकर दो समुदायों के बीच हिंसक संघर्ष चल रहा है। मेइती मणिपुर की आबादी का लगभग 53 प्रतिशत हैं और ज्यादातर इंफाल घाटी में रहते हैं। आदिवासी-नागा और कुकी-जनसंख्या का 40 प्रतिशत हिस्सा बनाते हैं और पहाड़ी जिलों में रहते हैं।
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