नई दिल्लीः राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने मणिपुर में प्रतिबंधित आतंकी संगठनों के सदस्यों द्वारा जबरन वसूली के एक मामले में तीन लोगों के खिलाफ चार्जशीट दायर की है। इसमें एक म्यांमार का नागरिक भी शामिल है। यह जानकारी एनआईए ने गुरुवार को दी। इंफाल में एक विशेष एनआईए अदालत के समक्ष प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों के तीन कैडरों, यानी (पीपुल्स रिवोल्यूशनरी आर्मी), कांग्लेईपाक कम्युनिस्ट पार्टी (केसीपी), पीपुल्स रिवोल्यूशनरी पार्टी ऑफ कांग्लेईपाक (PREPACK ) और यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट (यूएनएलएफ) सहित अन्य के खिलाफ चार्जशीट दायर की गई।
आतंकवादी संगठनों के लिए धन जुटा रहे थे
आरोपपत्र म्यांमार के दीपक शर्मा उर्फ खिनमाउंग, मणिपुर के सूरज जसीवाल और मणिपुर के ही शेखोम ब्रूस मीतेई के खिलाफ दायर किया गया था। खिनमाउंग पर विदेशी अधिनियम के तहत अतिरिक्त आरोप लगे हैं। NIA के मुताबिक आरोपी इन आतंकवादी संगठनों की गतिविधियों को आगे बढ़ाने के इरादे से धन जुटा रहे थे। अब तक की जांच से पता चला है कि प्रतिबंधित संगठनों के कैडर अपने संगठनों के लिए धन जुटाने के लिए इंफाल और घाटी इलाकों में लोगों को जबरन वसूली कॉल कर रहे थे।
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मणिपुर हिंसा में अब तक 142 लोगों की हो चुकी है मौत
एनआईए ने कहा, “इन कैडरों ने पीड़ितों के साथ अपने सहयोगियों के बैंक खाते का विवरण साझा किया और उन्हें जबरन वसूली की राशि जमा करने का निर्देश दिया।” NIA ने स्वत: संज्ञान लेते हुए 9 मार्च 2022 को मामला दर्ज किया था। मामले में शामिल अन्य लोगों को पकड़ने के लिए जांच जारी है। बता दें कि मणिपुर में हिंसा (Manipur Violence) में अब तक 142 लोगों की जान जा चुकी है। राज्य सरकार ने सोमवार को एक अद्यतन स्थिति रिपोर्ट दायर करके सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया, जिसमें खुलासा हुआ कि घाटी के जिलों में अधिकांश मौतें हुईं। फिलहाल राज्य अभी भी जातीय तनाव से जूझ रहा है।
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