राजनीति

ममता ने कहा- मेरा ही दिया हुआ नाम है INDIA, लेकिन गठबंधन की बैठक में नहीं मिलता सम्मान

कोलकाता: राम मंदिर प्रतिष्ठापन के दिन सोमवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कोलकाता में लंबी पदयात्रा निकाली। हिंदू, मुस्लिम, सिख और ईसाई सभी समुदायों के पुजारियों और हजारों कार्यकर्ताओं और समर्थकों के साथ उन्होंने हाजरा मोड़ से रैली शुरू की। भवानीपुर से होते हुए वह मुस्लिम बहुल इलाके पार्क सर्कस पहुंचीं, जहां उन्होंने रैली को संबोधित किया।

बीजेपी को बताया महिला विरोधी

रास्ते में सबसे पहले उन्होंने अपने घर के पास कालीघाट मंदिर में पूजा की। इसके बाद भवानीपुर स्थित गुरुद्वारे में प्रार्थना की। फिर चर्च में प्रार्थना की और मस्जिद में चादर चढ़ाने के बाद पार्क सर्कस में संबोधन शुरू किया। यहां उन्होंने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर तीखा हमला बोला। ममता ने कहा कि सुबह से ही ऐसा माहौल बन गया है मानो देश में आजादी की लड़ाई हो रही हो। हकीकत तो यह है कि वह (भाजपा) महिला विरोधी है।' वह सिर्फ राम का नाम लेती हैं, सीता का नाम नहीं लेतीं, जबकि सीता के बिना राम का अस्तित्व ही नहीं है। कौशल्या ने ही राम को जन्म दिया था। माँ के बिना राम नहीं। सीता को अग्नि परीक्षा देनी पड़ी। वे महिला विरोधी हैं लेकिन हम नारी शक्ति का सम्मान करना जानते हैं, इसीलिए हम मां दुर्गा की पूजा करते हैं।'

बैठकों में नहीं मिलता सम्मान

ममता ने कहा कि उनके पास बंगाल का बकाया देने के लिए पैसे नहीं हैं, वे लोगों का वेतन नहीं दे रहे हैं, वे सड़क निर्माण के लिए पैसे नहीं दे रहे हैं। वे बंगाल से टैक्स लेते हैं लेकिन हमारा हिस्सा नहीं देते और राम मंदिर पर भारी खर्च किया जा रहा है।' साथ ही विपक्षी इंडिया गठबंधन पर भी सवाल उठाते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि मैंने खुद गठबंधन का नाम इंडिया (INDIA) रखा था, लेकिन इसकी बैठकों में इसे उचित सम्मान नहीं मिलता है। ममता ने यह भी कहा कि कल नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती है। केंद्र सरकार नेताजी का सम्मान नहीं करती लेकिन मैं करती हूं, इसीलिए बंगाल में नेताजी जयंती पर छुट्टी रहती है। यह भी पढ़ेंः-Bharat Jodo Nyay Yatra: बिहार में राहुल गांधी की यात्रा, शामिल होंगे सीएम नीतीश कुमार उन्होंने कहा कि जब बाबरी मस्जिद ढहाई गई तो वह अकेले सड़क पर निकल आई थीं। गौरतलब है कि जब देश में प्राण प्रतिष्ठा हुई थी तब ममता बनर्जी ने कोलकाता में सद्भावना रैली कर सर्वधर्म समभाव का संदेश दिया था। (अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर(X) पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)