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Malegaon blast: मालेगांव विस्फोट मामले में NIA की जांच पूरी, 323 गवाहों के बयान दर्ज

Malegaon-blas नई दिल्लीः राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने मालेगांव 2008 विस्फोट (Malegaon blast) मामले में विशेष एनआईए अदालत में एक आवेदन दायर किया है, जिसमें अदालत को सूचित किया गया है कि उसने सबूतों की रिकॉर्डिंग पूरी कर ली है और उनकी ओर से बयान दर्ज करने के लिए और गवाहों को बुलाने की कोई आवश्यकता नहीं है। एनआईए ने इस मामले में 323 गवाहों के बयान दर्ज किये जबकि 37 गवाह अपने बयान से पलट गये। 29 सितंबर 2008 को रात करीब 9:35 बजे मालेगांव में शकील गुड्स ट्रांसपोर्ट कंपनी के ठीक सामने एक बम विस्फोट हुआ। ये धमाका एक मोटरसाइकिल में हुआ। इस धमाके में छह लोगों की मौत हो गई, जबकि 101 लोग घायल हो गए। ब्लास्ट के बाद 30 सितंबर 2008 को मालेगांव के आजाद नगर पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया था। ये भी पढ़ें..भारतीय मूल के विवेक रामास्वामी का वादा, बोले-राष्ट्रपति बने तो हटा देंगे 75 प्रतिशत कर्मचारी

21 अप्रैल 2011 को दाखिल किया गया थाआरोप पत्र 

चूंकि यह मामला आतंकवाद से जुड़ा था, इसलिए महाराष्ट्र सरकार के आदेश के बाद महाराष्ट्र एटीएस ने इस मामले की जांच अपने हाथ में ली और 21 अक्टूबर 2008 को एफआईआर में यूएपीए और मकोका की धाराएं लगाई गईं। मालेगांव हादसे की जांच के दौरान 20 जनवरी 2009 को महाराष्ट्र एटीएस ने मामले में पहली चार्जशीट दाखिल की थी, जिसमें 11 लोगों को गिरफ्तार किया गया था और तीन लोगों को फरार दिखाया गया था। इसी मामले में एटीएस ने 21 अप्रैल 2011 को पूरक आरोप पत्र दाखिल किया था। केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश के बाद 1 अप्रैल 2011 को मालेगांव बम विस्फोट की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी को सौंप दी गई थी। एनआईए ने अपनी जांच के दौरान छह लोगों के खिलाफ कोई सबूत नहीं पाते हुए 13 मई 2016 को आरोप पत्र दायर किया। इनमें प्रज्ञा सिंह ठाकुर, शिव नारायण करसांगरा, श्याम भंवर लाल साहू, प्रवीण तकल्कि, लोकेश शर्मा और धनसिंह चौधरी के नाम शामिल हैं। एनआईए ने कहा था कि इस मामले में मकोका नहीं लगाया जा सकता। इसके बाद आरोपियों ने जमानत के लिए अर्जी दी, जिसके बाद कर्नल पुरोहित और प्रज्ञा सिंह ठाकुर समेत अन्य आरोपियों को जमानत मिल गई।

2017 में इन्हें कर दिया गया था बारी

जमानत मिलने के बाद आरोपी ने कोर्ट में डिस्चार्ज एप्लीकेशन दाखिल की। 27 दिसंबर 2017 को विशेष एनआईए कोर्ट में आरोपियों की डिस्चार्ज अर्जी पर फैसला सुनाया गया, जिसमें श्याम साहू, शिव नारायण करसांगरा और प्रवीण तकल्कि को आरोपों से बरी कर दिया गया। कोर्ट ने राकेश धावड़े और जगदीश म्हात्रे पर से कई धाराएं हटा दीं और सिर्फ आर्म्स एक्ट के तहत उन पर आरोप तय किए। प्रज्ञा सिंह ठाकुर, कर्नल प्रसाद पुरोहित, रमेश उपाध्याय, समीर कुलकर्णी, अजय राहिकर, सुधाकर चतुवेर्दी, सुधीर द्विवेदी के खिलाफ मकोका दायर किया गया, यूएपीए की धारा 17, 29, 23 और आर्म्स एक्ट की धाराएं हटा दी गईं लेकिन उन पर से यूएपीए की धाराएं हटा दी गईं। धारा 18, हत्या और हत्या की साजिश के तहत आरोप तय किए गए। तभी से मुकदमा चल रहा है। (अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)