मुंबईः महाराष्ट्र में 2008 के मालेगांव बम विस्फोट मामले की मुख्य आरोपी भारतीय जनता पार्टी की सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर (Pragya Thakur) मंगलवार को यहां विशेष एनआईए अदालत के समक्ष अपना बयान दर्ज कराते समय रो पड़ीं। यह बात उनके वकीलों ने कही। प्रज्ञा से ब्लास्ट मामले में घायलों का इलाज करने और शवों का पोस्टमॉर्टम करने वाले डॉक्टरों की गवाही से जुड़े करीब पांच दर्जन सवाल पूछे गए, लेकिन उन्होंने सवालों का जवाब नहीं में दिया।
10 मिनट तक रोंकी गई कोर्ट की कार्यवाही
विटनेस बॉक्स में बैठी प्रज्ञा (Pragya Thakur) सवालों से परेशान दिखीं, एक बार तो वह भावुक हो गईं । जिसके बाद अदालत की कार्यवाही 10 मिनट के लिए रोक दी गई। बाद में वकील जेपी मिश्रा और प्रशांत मग्गू ने ये बात मीडिया को बताई। विशेष एनआईए अदालत के विशेष न्यायाधीश ए.के. लाहोटी ने सीआरपीसी की धारा 313 के तहत मामले में आरोपी प्रज्ञा और छह अन्य के बयान दर्ज करना शुरू किया, जिससे आरोपियों को उनके खिलाफ सबूतों में परिलक्षित परिस्थितियों को समझाने का मौका मिला।
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इस मामले में प्रज्ञा के अलावा अन्य आरोपी हैं- लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित, सुधाकर चतुर्वेदी,सेवानिवृत्त मेजर रमेश उपाध्याय, समीर कुलकर्णी और अजय रहीरकर है। दिसंबर 2018 में मुकदमा शुरू होने के बाद से, अदालत ने अब तक 323 गवाहों की गवाही दर्ज की है, जिनमें से 34 मुकर गए। विशेष न्यायाधीश लाहोटी के पूर्व आदेश (25 सितंबर) के अनुसार सभी 7 आरोपी अदालत में उपस्थित थे। बुधवार को भी बयान दर्ज किए जाएंगे।
29 सितंबर 2008 में हुआ था मालेगांव विस्फोट
बता दें कि 29 सितंबर, 2008 को नासिक के मुस्लिम बहुल शहर मालेगांव में शुक्रवार को एक मस्जिद के पास मोटरसाइकिल में रखे गए बम विस्फोट में लगभग नौ लोग मारे गए और 100 से अधिक घायल हो गए।
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