Makar Sankranti 2024, जयपुरः हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल पौष माह में सूर्य देव के मकर राशि में प्रवेश की तिथि को मकर संक्रांति कहा जाता है। सनातन धर्म में मकर संक्रांति का विशेष महत्व है। इस दिन सूर्य देव दक्षिणायन से उत्तरायण होते हैं। सनातन धर्म को मानने वाले लोग सूर्य देव की विशेष पूजा करते हैं।
हालांकि हर साल की तरह इस साल भी मकर संक्रांति की तारीख को लेकर संशय बना हुआ है। मकर संक्रांति 14 जनवरी को मनाई जाएगी या 15 जनवरी को। वर्ष 2024 में तिथि के अनुसार मकर संक्रांति 15 जनवरी 2024 दिन सोमवार को मनाई जाएगी। दरअसल इस बार सूर्य देव 15 जनवरी को देर रात राशि परिवर्तन करेंगे। जिसके चलते मकर संक्रांति 15 जनवरी को मनाई जाएगी। सूर्य देव के उत्तरायण का भी विशेष महत्व बताया गया है। इसलिए 15 जनवरी को दान-पुण्य का कार्य किया जाएगा।
15 जनवरी को पूजा-पाठ, दान-पुण्य का शुभ मुहूर्त
ज्योतिषाचार्य पंडित बनवारी लाल शर्मा ने बताया कि 15 जनवरी को सुबह 2.43 बजे सूर्य देव धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करेंगे। सूर्य देव के मकर राशि में प्रवेश करते ही मकर संक्रांति का त्योहार मनाया जाएगा। दरअसल, मकर संक्रांति का त्योहार हर साल माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। लेकिन इस बार 15 जनवरी को पूजा-पाठ, दान-पुण्य का शुभ समय सुबह 7:15 बजे से शाम 5:46 बजे तक रहेगा।
Makar Sankranti के दिन करें सूर्य चालीसा का पाठ
पंडित शर्मा ने बताया कि देशभर में मकर संक्रांति का त्योहार बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। इस दिन लाखों श्रद्धालु पवित्र नदियों में स्नान करते हैं और पूजा-पाठ और जप के साथ दान भी करते हैं। इस दिन भगवान सूर्य को जल चढ़ाने का विशेष महत्व है। साथ ही इस दिन लोग पीले कपड़े पहनते हैं और सूर्य देव को जल चढ़ाते हैं।
तिल-गुड़ और खिचड़ी के साथ वस्त्रों का करें दान
मकर संक्रांति (Makar Sankranti) के दिन सूर्य चालीसा का पाठ करना चाहिए। ऐसा करने से सुख-शांति और धन-संपदा में उन्नति होती है। पवित्र नदियों में स्नान करने के बाद लोगों को तिल, गुड़ और खिचड़ी के साथ वस्त्रों का दान करना चाहिए। ऐसा करने से सभी प्रकार के पुण्यों की प्राप्ति होती है।
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