Makar Sankranti 2024: मकर संक्रांति पर दान का है विशेष महत्व, जानिए राशि के अनुसार क्या करें दान

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Makar Sankranti 2024: मकर संक्रांति का पर्व देशभर में धूमधाम और श्रद्धाभाव के साथ मनाया जाता है। इस दिन ग्रहों के राजा सूर्य देव जब मकर राशि में प्रवेश करते हैं तो उसे मकर संक्रांति कहा जाता है। ये हिंदू धर्म का सबसे प्रमुख त्योहार है। मकर संक्रांति में लोग सुबह स्नान करने के बाद दान भी करते हैं। ऐसा कहा जाता है कि मकर संक्रांति के दान करने से शुभ फल प्राप्त होता है। ऐसे में आज हम आपको अपने इस लेख में बताने जा रहे हैं किन राशि के लोगों को क्या क्या दान करना चाहिए –

राशि के अनुसार दान

मेष – जल में पीले पुष्प, तिल और हल्दी को मिलाकर अर्घ्य सूर्य देव को दें। इन राशि के लोगों को तिल और गुड़ का दान करना चाहिए।

वृष – जल में सफेद चंदन, श्वेत पुष्प, और तिल मिलाकर सूर्य देव को अर्घ्य दें। इस दिन इस राशि के लोगों को खिचड़ी का दान करना चाहिए।

मिथुन – जल में तिल डालकर सूर्य को अर्घ्य दें। मूंग की दाल की खिचड़ी का दान करना चाहिए।
कर्क- जल में दूध, चावल, तिल मिलाकर सूर्य को अर्घ्य दें। संकटों से मुक्ति मिलेगी। गुड़ और तिल का दान करना चाहिए।

सिंह- जल में पुष्प, कुमकुम और तिल डालकर सूर्य देव को अर्घ्य दें। गुड़ और तिल का दान करना चाहिए।

कन्या- जल में तिल, पुष्प और दूर्वा डालकर सूर्य देव को अर्घ्य दें। मूंग की दाल की खिचड़ी का दान करना चाहिए। इसके अलावा गाय को चारा का दान करना चाहिए।

तुला- सफेद चंदन, चावल और दूध का इस दिन दान करना चाहिए। जल में सफेद चंदन मिलाकर सूर्य देव को अर्घ्य देना चाहिए।

वृश्चिक- जल में कुमकुम, रक्तपुष्प और तिल मिलाकर सूर्य देव को अर्घ्य देना चाहिए। गुड़ का दान करना चाहिए।

धनु- जल में केसर, हल्दी और पीले पुष्प मिलाकर सूर्य देव को अर्घ्य दें। इन राशि के लोगों को गुड़ का दान करना चाहिए।

मकर- जल में नीले पुष्प और तिल मिलाकर सूर्य देव को अर्घ्य दें। काले तिल, उड़द दाल की खिचड़ी का दान करना चाहिए।

कुंभ- जल में नीले पुष्प और तिल मिलाकर सूर्य देव को अर्घ्य दें। उड़द और तिल का दान करना चाहिए।

मीन- हल्दी, पीले फूल के साथ केसर और तिल मिलाकर सूर्य देव को अर्घ्य दें। तिल और गुड़ का दान करना चाहिए।

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कब है मकर संक्रांति

अंग्रेजी वर्ष 2024 के अनुसार इस बार लीप वर्ष का संयोग बन रहा है। ये वर्ष 365 दिनों के बजाय 366 दिनों का होगा। इस बार फरवरी का महीना 28 दिनों के बजाए लीप वर्ष में फरवरी के महीने में 29 है। इस महीने सप्ताह के सात वारों में से छह वार चार-चार बार पड़ रहे हैं। सिर्फ गुरुवार ही पांच बार पड़ेगा। हर साल पहले महीने में मकर संक्रांति पर्व 14 जनवरी को मनाया जाता है। लेकिन इस साल लीप वर्ष होने के कारण संयोग में सूर्य 15 जनवरी को मकर राशि में प्रवेश कर रहा है। इसलिए मकर संक्रांति 15 जनवरी को मनाएंगे।

शुभ मुहूर्त

मकर संक्रांति का महा पुण्य काल सुबह 07:15 मिनट से सुबह 09:00 बजे तक है। ये वो समय है जब आपको मकर संक्रांति का स्नान और दान करना चाहिए। उस दिन महा पुण्य काल 1 घंटा 45 मिनट तक होगा। पुण्य काल में भी स्नान दान होगा।

स्नान और दान का महत्व

मकर संक्रांति पर सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है और ये बेहद शुभ माना जाता है। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने के बाद तिल, गुड़ और वस्त्र का दान करना बेहद शुभ माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि संक्रांति के दिन सूर्य उत्तरायण में प्रवेश करता है।

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