Mahashivratri 2024: देश भर में महाशिवरात्रि की धूम, बाबा महाकाल के दर्शन को लगी लंबी कतार

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Mahashivratri 2024, भोपालः देशभर में आज (शुक्रवार) महाशिवरात्रि का पावन पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है। मध्य प्रदेश में भी सुबह से ही शिवालयों में भक्तों की भीड़ लगी हुई है। वहीं बड़ी संख्या में श्रद्धालु महाकाल (Mahakal) और ओंकारेश्वर-ममलेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर में दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं।

मंदसौर के प्रसिद्ध पशुपतिनाथ मंदिर, भोपाल के पास भोजपुर शिव मंदिर, ग्वालियर के अचलेश्वर महादेव मंदिर के दर्शन के लिए भक्तों के लिए विशेष व्यवस्था की गई है। महाशिवरात्रि पर प्रदेश भर में कई जगहों पर धार्मिक आयोजन भी किये जायेंगे।

Mahashivratri पर महाकाल लगातार 44 घंटे देंगे दर्शन

उज्जैन स्थित विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग भगवान महाकालेश्वर मंदिर में दोपहर 2:30 बजे पट खुलते ही दर्शन का सिलसिला शुरू हो गया। यहां आधी रात से ही लंबी कतारें लगी हुई थीं। महाशिवरात्रि के अवसर पर श्रद्धालु लगातार 44 घंटे तक भगवान महाकाल के दर्शन कर सकेंगे। इस दौरान गर्भगृह में भगवान का अभिषेक और पूजन का क्रम चलता रहेगा। 9 मार्च को शयन आरती के बाद रात 11 बजे मंदिर के कपाट दोबारा बंद कर दिए जाएंगे।

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डेढ़ घंटे पहले खोले महाकालेश्वर मंदिर के कपाट

महाकालेश्वर मंदिर में परंपरा के अनुसार, महाशिवरात्रि पर मंदिर के पट डेढ़ घंटे पहले रात 2:30 बजे खोले गए। इसके बाद भस्म आरती की गई। पट खुलते ही पंडे-पुजारियों ने गर्भगृह में स्थापित सभी देवी-देवताओं की प्रतिमाओं की पूजा-अर्चना की और दूध, दही, घी, शकर और फलों के रस से बने पंचामृत से भगवान महाकाल का जलाभिषेक किया। इस अवसर पर भगवान महाकाल का भांग और सूखे मेवों से विशेष शृंगार किया गया।

मंदिर के पुजारी पंडित महेश शर्मा ने बताया कि कपूर आरती के बाद बाबा महाकाल को चांदी का मुकुट, रुद्राक्ष और फूलों की माला धारण कराई गई। फिर बाबा महाकाल का अलौकिक श्रृंगार किया गया और बाबा महाकाल के ज्योतिर्लिंग को कपड़े से ढककर भस्म से भस्म कर दिया गया। भस्म आरती में हजारों श्रद्धालु शामिल हुए। महानिर्वाणी अखाड़े की ओर से भगवान महाकाल को भस्म अर्पित की गई।

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शयन आरती के बाद 11 बजे बंद हो जाएंगे मंदिर के पट

महाकालेश्वर मंदिर के प्रशासक संदीप कुमार सोनी ने बताया कि आज दोपहर 12 बजे भगवान महाकाल की शासकीय पूजा-अर्चना तहसील द्वारा की जायेगी। इसके बाद शाम 4 बजे होलकर और सिंधिया स्टेट की ओर से पूजा की जाएगी. शाम 7.30 बजे संध्या आरती में भगवान को गर्म मीठे दूध का भोग लगाया जाएगा। कोटितीर्थ कुंड के पास स्थित भगवान श्री कोटेश्वर महादेव मंदिर में शिवरात्रि की महापूजा शाम 7 बजे से शुरू होगी।

महानिशा काल में गर्भगृह में रात 11 बजे से महाकाल की महापूजा शुरू होगी, जो अगले दिन 9 मार्च सुबह 6 बजे तक चलेगी। सेहरा दर्शन के बाद दोपहर 12 बजे साल में एक बार होने वाली भस्म आरती होगी। भस्म आरती के बाद भोग आरती होगी और शिवनवरात्रि मनाई जाएगी। रात 10:30 बजे शयन आरती के बाद 11 बजे मंदिर के पट बंद कर दिए जाएंगे। इसके साथ ही महाशिवरात्रि महोत्सव का समापन हो जाएगा।

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