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महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा विवाद सुलझाने को दो मंत्रियों की नियुक्ति, बैठक में सीएम ने लिया फैसला

मुंबई: लंबे अरसे से चले आ रहे महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा विवाद के मसले का हल निकालने के लिए महाराष्ट्र सरकार ने दो मंत्रियों की नियुक्ति की है। इसमें मंत्री चंद्रकांत पाटील और शंभूराज देसाई को शामिल किया गया है। यह निर्णय सोमवार को सहयाद्री अतिथि गृह में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अध्यक्षता में हुई महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा की उच्चाधिकार समिति की बैठक में लिया गया। साथ ही कानूनी लड़ाई के लिए वरिष्ठ अधिवक्ता वैद्यनाथन की नियुक्ति की गई है। जरूरत पड़ी तो और कानूनी विशेषज्ञों की संख्या बढ़ाई जाएगी। इस बैठक में उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, समिति के सदस्य मंत्रीचंद्रकांत पाटिल, डॉ. तानाजी सावंत, दीपक केसरकर, शंभूराज देसाई, विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष अंबादास दानवे, विधायक पृथ्वीराज चव्हाण, राजेश क्षीरसागर, मुख्य सचिव मनुकुमार श्रीवास्तव, वरिष्ठ संपादक किरण ठाकुर सहित महाराष्ट्र एकीकरण समिति के सदस्य उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा कि राज्य सरकार सीमावर्ती भाइयों के साथ पूरी तरह से मजबूती के साथ खड़ी है। इस संबंध में कानूनी लड़ाई के लिए संयुक्त प्रयास किया जा रहा है। महाराष्ट्र सरकार की योजनाओं का लाभ सीमा क्षेत्र के बंधुओं को मिल सके इसलिए सीमा मसले का हल निकालने के लिए विशेष प्रकोष्ठ को मजबूत किया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा कि स्वर्गीय बालासाहेब ठाकरे सीमा मसले को लेकर हमेशा सीमावर्ती के बंधुओं के साथ खड़े रहे। राज्य सरकार सीमा मुद्दे के समाधान पर गंभीरता से ध्यान दे रही है। राज्य सरकार ने इस मसले पर अपना पूरा ध्यान केंद्रित कर रखा है। जल्द ही हम प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृह मंत्री से मुलाकात करेंगे।

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मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि सीमावर्ती क्षेत्रों के भाइयों को महाराष्ट्र सरकार की योजनाओं का लाभ प्रभावी ढंग से मिले। सीमा मसला से निपटने वाले विशेष प्रकोष्ठ को भी मजबूत किया जाना चाहिए। सीमावर्ती क्षेत्र में मराठी भाषा के उपयोग और उन क्षेत्रों में बंधुओं की आवश्यक सुविधाओं के संबंध में कर्नाटक सरकार से संवाद जारी रखा जाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने सीमा आंदोलन के शहीदों के परिवारों को स्वतंत्रता सेनानियों की तरह पेंशन देने का निर्णय लिया। साथ ही एकीकरण समिति द्वारा कानूनी लड़ाई के लिए भुगतान किए गए शुल्क की प्रतिपूर्ति करने का भी निर्णय लिया गया। उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भरोसा दिलाया कि सीमा का मसला बहुत संवेदनशील है। इस मुद्दे पर महाराष्ट्र के सभी राजनीतिक दल एकजुट हैं। हम इस मुद्दे को वैध और लोकतांत्रिक तरीके से हल करने के लिए कटिबद्ध हैं। हम सब सीमावासियों के साथ हैं।

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