मुंबईः पूर्व पुलिस आयुक्त परम बीर सिंह (Param Bir Singh) को महाराष्ट्र सरकार ने बड़ी राहत दी है। सरकार ने उन पर लगे सभी आरोपों को वापस ले लिया है। दो साल पहले महाविकास आघाड़ी की सरकार में गृह मंत्री रहे अनिल देशमुख पर परम बीर सिंह ने ‘लेटर बम’ से निशाना साधा था।
परम बीर सिंह(Param Bir Singh) ने पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख पर 100 करोड़ रुपये वसूली का बड़ा आरोप लगाया था, जिसके बाद उन्हें भी जेल जाना पड़ा था। मामले में एमवीए सरकार ने परम बीर सिंह (Param Bir Singh) पर अनुशासनहीनता का आरोप लगाते हुए निलंबित कर दिया था, साथ ही विभागीय जांच भी शुरू कर दी थी। परमबीर सिंह के खिलाफ हफ्ता वसूली समेत 8 मामले दर्ज हुए थे।
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अब महाराष्ट्र में शिंदे-फडणवीस की सरकार ने परम बीर सिंह (Param Bir Singh) पर लगे तमाम आरोपों को वापस लेते हुए उनका निलंबन भी रद्द कर दिया है। सरकार के इस फैसले से पूर्व डीजी को बड़ी राहत मिली है। महाराष्ट्र सरकार के आदेश के अनुसार, परम बीर सिंह को 2 दिसंबर 2021 से 30 जून 2022 तक अब ‘ऑन ड्यूटी’ माना जाएगा। बता दें कि परम बीर सिंह 30 जून 2022 को सेवानिवृत्त होने वाले थे।
आदेश में कहा गया, अखिल भारतीय सेवा (अनुशासन और अपील) 1969 के नियम 8 के तहत परम बीर सिंह, आईपीएस (सेवानिवृत्त) के खिलाफ जारी दिनांक 2-12-2021 के आरोपों का ज्ञापन वापस लिया जा रहा है और उक्त मामले को बंद किया जा रहा है। चूंकि सिंह पहले ही रिटायर हो चुके हैं, इसलिए ये आदेश उनके लिए सेवानिवृत्ति और सरकार से मिलने वाले अन्य लाभों के लिए फायदेमंद होगा।
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