Mahakumbh Stampede : संगम नगरी से दुखद खबर आई। महाकुंभ में मौनी अमावस्या पर स्नान के लिए उमड़ी भीड़ का दबाव इतना बढ़ गया कि संगम तट पर भगदड़ मच गई। सूत्रों की माने इस हादसे में 15-20 श्रद्धालुओं की मौत हो गई, हालांकि मरने वालों की संख्या इससे कहीं अधिक बताई जा रही है। जबकि भारी संख्या में श्रद्धालुओं के घायल होने की भी खबर है।
Mahakumbh Stampede : मरने वालों की संख्या की पुष्टि नहीं
वहीं मेला प्रशासन ने अभी तक मरने वालों की संख्या की पुष्टि नहीं की है। घायलों का इलाज महाकुंभ नगरी के केंद्रीय अस्पताल में चल रहा है। घायलों को महाकुंभ के अस्पताल लाने वाली एंबुलेंस की कतार लगी हुई है। पूरा प्रशासन राहत और बचाव कार्य में लगा हुआ है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार यह दुखद हादसा रात करीब 2 बजे संगम तट के पास हुआ। करीब 1 घंटे बाद राहत कार्य शुरू हुआ।
Mahakumbh Stampede : हालात अब काबू में जल्द शुरू होगा अमृत स्नान
बताया जा रहा है कि स्थिति अभी नियंत्रण में है। महाकुंभ नगर प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अफवाहों पर ध्यान न देने और संयम बरतने की अपील की है। माइक से बार-बार यह भी घोषणा की जा रही है कि श्रद्धालु अपने बच्चों को कंधे पर लेकर चलें, किसी को धक्का न दें। धीरे-धीरे चलें।
भगदड़ के बाद प्रशासन के अनुरोध पर सभी 13 अखाड़ों ने आज मौनी अमावस्या का अमृत स्नान रद्द कर दिया था। इसके बाद अखाड़ों ने बैठक की। जिसमें तय हुआ कि अमृत स्नान 10 बजे के बाद किया जाएगा। पीएम मोदी ने 4 बार योगी से फोन पर बात की और घटना की जानकारी ली। अब अफसर हेलीकॉप्टर से महाकुंभ की निगरानी कर रहे हैं। हादसे पर सीएम योगी ने कहा- स्थिति नियंत्रण में है। किसी भी तरह की अफवाह पर ध्यान न दें।
Mahakumbh Stampede : जो भी गिरा, उठ नहीं सका
मौनी अमावस्या के लिए मंगलवार सुबह से ही महाकुंभ में भारी भीड़ उमड़ पड़ी थी। दोपहर में बेकाबू भीड़ ने कई जगह बैरिकेडिंग तोड़ दी। रात में स्नान शुरू होने के बाद संगम में भीड़ और बढ़ गई। संगम तट और उसके आसपास लाखों श्रद्धालु उमड़ पड़े। कुछ स्नानार्थियों ने अखाड़ों के लिए बनाए गए बैरिकेडिंग तोड़ने की भी कोशिश की। जिसे जहां जगह मिली, वहीं चला गया।
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आधी रात के बाद स्नानार्थियों की भीड़ संगम तट के पास रुक गई, जिससे हालात बिगड़ने लगे। रात करीब दो बजे हालात बेकाबू हुए तो भगदड़ मच गई। भागती भीड़ में जो भी गिरा, उठ नहीं सका। जिसने भागने की कोशिश की, वह भी कुचला गया। मेला कंट्रोल रूम और पुलिस कंट्रोल रूम को जब इसकी सूचना मिली तो हड़कंप मच गया।
हादसे की सूचना मिलते ही अलग-अलग जगहों से अर्धसैनिक बल, एंबुलेंस को संगम की ओर भेजा गया। इसके बाद सभी श्रद्धालुओं को एंबुलेंस में भरकर लाया गया। सेंट्रल अस्पताल में कई लोगों को जमीन पर लिटा दिया गया, जिनके बारे में एक अस्पताल कर्मी ने बताया कि उनकी मौत हो चुकी है।
श्रद्धालुओं से संगम की ओर न आने की अपील
भगदड़ की घटना के बाद सभी श्रद्धालुओं से विनम्रतापूर्वक अनुरोध किया जा रहा है कि वे संगम की ओर आने की कोशिश न करें। अन्य घाटों पर स्नान करें और अपने गंतव्य की ओर बढ़ें। महाकुंभ क्षेत्र में लगे सैकड़ों माइक पर यह आवाज गूंज रही है, जो भगदड़ की हृदय विदारक तस्वीर की गवाही भी दे रही है।